उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर 2025 को होना है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए (NDA) का उम्मीदवार बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी है.
उधर, विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन चर्चा है कि इंडिया गठबंधन राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना प्रत्याशी बना सकता है. आपको मालूम हो कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद से उपराष्ट्रपति का पद खाली है. स्वास्थ्य कारणों को हवाला देते हुए धनखड़ ने इस्तीफा दिया था. लोकसभा और राज्यसभा के नंबर गेम को देखते हुए सीपी राधाकृष्णन की जीत पक्की मानी जा रही है. आप यहां पूरा अंक गणित समझ सकते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा की क्या है वर्तमान स्थिति
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए या इंडिया गठबंधन में से किसका पलड़ा भारी है. इसको जानने से पहले जान लेते हैं कि लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में सांसदों की कितनी संख्या है. लोकसभा में निर्वाचित सांसदों की कुल संख्या 543 है लेकिन वर्तमान में पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट खाली होने के कारण 542 सांसद निर्वाचित हैं.
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं लेकिन वर्तमान में 5 सीटें खाली हैं. खाली सीटों में चार जम्मू-कश्मीर की और एक सीट पंजाब की है. इस तरह से लोकसभा और राज्यसभा में वर्तमान में निर्वाचित कुल सांसदों की संख्या 782 है. ऐसे में किसी भी गठबंधन को जीत के लिए 391 सांसदों के वोटों की जरूरत होगी. बशर्ते कि सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें.
उपराष्ट्रपति चुनाव में किसका पलड़ा है भारी
NDA और India Alliance की बात की जाए तो सरकार के पक्ष में 427 सांसदों का समर्थन है. इसमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के सांसद शामिल हैं. उधर, इंडिया गठबंधन के पास 355 के करीब सांसदों का समर्थन है. इनमें से 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा सांसद शामिल हैं. उपरोक्त समीकरण को देखते हुए कहा जा सकता है कि NDA गठबंधन के पास अपने प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को जिताने के लिए पर्याप्त सांसद हैं.
हालांकि, अभी करीब 133 से ज्यादा सांसदों के किसी भी निर्णय तक न पहुंचने की बात कही जा रही है. ये सांसद ही उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं. ऐसे में इन वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए दोनों की तरफ के नेताओं ने कोशिशें तेज कर दी हैं. कांग्रेस और अन्य दलों के नेता अपने उम्मीदवार को मजबूत करने और सरकार के नंबर गेम को चुनौती देने की रणनीति बना सकते हैं. जबकि दूसरी ओर सरकार अपने सहयोगियों साथ मिलकर विपक्ष की कोशिशों को कमजोर करने में जुटी है. ऐसी संभवाना व्यक्त की जा रही है कि कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग करके उपराष्ट्रपति चुनाव को रोमांचक बना सकते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा में किसके पास क्या है संख्या बल
1. लोकसभा: वर्तमान में कुल 542 सांसद हैं निर्वाचित.
2. एनडीए के साथ: 293 सांसद.
3. इंडिया गठबंधन के साथ: 249 सांसद.
4. राज्यसभा: वर्तमान में कुल 240 सांसद.
5. एनडीए के साथ: 134
6. इंडिया गठबंधन के साथः 106
क्या है चुनाव प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं. इसमें मनोनित सदस्यों को भी वोट देने का अधिकार प्राप्त होता है. संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत, त्यागपत्र, मृत्यु, पद से हटाए जाने या किसी अन्य कारण से उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाए, तो इसे भरने के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराना होता है. उपराष्ट्रपति का चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली द्वारा किया जाता है.
विजेता घोषित होने वाले उम्मीदवार को मतों का एक कोटा पार करना होगा जो कुल वैध वोटों के दो से भाग देकर और एक जोड़कर की जाती है. यदि कोई उम्मीदवार पहली मतगणना में इस कोटे को पार नहीं कर पता तो सबसे कम प्रथम-वरीयता वाले मत पाने वाले उम्मीदवार को प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है. फिर उनके मतपत्रों को दूसरी वरीयता के आधार पर पुनर्वितरित किया जाता है. ये प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत प्राप्त नहीं कर लेता.