जाको राखे साइयां, मार सके ना कोए, यह कहावत एक बार फिर से नोएडा में सही साबित होती दिखाई दी. दरअसल, फेस-3 थाना क्षेत्र स्थित नाले में किसी कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को मरने के लिए फेंक दिया था. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. नवजात बच्चा खतरे से बाहर है.
क्या है पूरा मामला
फेस-3 थाना क्षेत्र के मामूरा, सेक्टर-66 स्थित नाले में एक नवजात शिशु पुलिस को मिला. नवजात शिशु की उम्र करीब 5 से 6 दिन बताई जा रही है. दरअसल, 15 सितंबर की देर रात नाले के रास्ते से एक व्यक्ति जा रहा था. इस दौरान बच्चे की रोने की आवाज सुनी. इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी.
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तुरंत सेक्टर-71 स्थित कैलाश सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में नवजात बच्चे को भर्ती कराया. वहां पर शिशु का संघन उपचार किया जा रहा है. बच्चा खतरे से बाहर है. फेस-3 थाना प्रभारी ने बताया कि अभी तक बच्चे की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस की ओर से सभी बिंदुओ पर जांच की जा रही है.
ऐसी घटनाएं हमें सोचने को करती हैं मजबूर
नवजात बच्चियों को कभी झाड़ियों में, तो कभी नालों और सड़कों किनारे फेंकने की बढ़ती घटनाएं हमें सोचने को मजबूर करती हैं. फिर चाहे सामाजिक दबाव, वंश आगे बढ़ाने की कुत्सित मानसिकता हो या अन्य कोई वजह, लेकिन इसका नतीजा एक नन्हीं जान का अपनी ही मां के आंचल से दूर होने के रूप में सामने आता है.
मार्च 2023 में भी शर्मशार करने वाली घटना आई थी सामने
दिल्ली के द्वारका जिले से मार्च 2023 में इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई थी. तथाकथित एक अविवाहित दंपति ने महज तीन दिन की एक नवजात बच्ची को नांगलोई के कूड़ेदान में मरने के लिए फेंक दिया था. इससे पहले की नवजात बच्ची के साथ कुछ अनहोनी घटित होती या फिर कोई जंगली जानवर उसे नोचते, वहां से गुजर रहे एक राहगीर के कानों तक उस बच्ची के रोने की आवाजें पहुंची. राहगीर ने तुरंत उस बच्ची को कूड़े से निकाल आते-जाते लोगों से इस माशूम नवजात के बारे में पूछा, पर किसी ने कुछ भी नहीं बताया जिसके बाद राहगीर ने इसकी सूचना पुलिस को दी.
(अरविंद ओझा की रिपोर्ट)