पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया है. भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर राफेल से मिसाइल अटैक किया. बताया जा रहा है कि इस एयरस्ट्राइक 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना (IAF) ने ऐसे हाई-टेक हथियारों का प्रयोग किया जिनसे आम नागरिकों को कम से कम नुकसान हो लेकिन आतंकी ठिकानों को इन हथियारों ने खत्म कर दिया है.
इसमें विशेष रूप से राफेल लड़ाकू विमानों से दागी गई दो उन्नत मिसाइल्स का इस्तेमाल किया गया- स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर मिसाइल.
स्कैल्प क्रूज मिसाइल (SCALP-EG / Storm Shadow):
यह एक लंबी दूरी की, स्टील्थ क्रूज मिसाइल है जिसे हवा से जमीन पर मार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका निर्माण फ्रांस-ब्रिटेन की रक्षा कंपनी MBDA ने किया है और ब्रिटेन में इसे Storm Shadow के नाम से जाना जाता है. भारत के 36 राफेल विमानों में यह मिसाइल शामिल है.
मुख्य विशेषताएं:
इतिहास: स्कैल्प का उपयोग अतीत में इराक, लीबिया, सीरिया, यूक्रेन और खाड़ी युद्ध में हो चुका है.
भारतीय वायुसेना में उपयोग और रणनीतिक महत्व: स्कैल्प के सॉफ्टवेयर को IAF ने रि-कैलिब्रेट करवाया ताकि यह 4,000 मीटर तक की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ी लक्ष्यों को भी सटीकता से भेद सके (पहले इसकी सीमा 2,000 मीटर थी). 2020 के लद्दाख गतिरोध के दौरान अंबाला बेस पर तैनात स्कैल्प से लैस राफेल जेट्स तिब्बत में चीन के ठिकानों को टारगेट करने की स्थिति में थे. पाकिस्तान के संदर्भ में, यह मिसाइल आतंकी कैंपों, बंकरों और कमांड केंद्रों को गुप्त रूप से और गहराई से भेदने में सक्षम है. इसकी स्टील्थ क्षमता और रडार से बचने की शक्ति इसे एक "साइलेंट असैसिन" बनाती है. SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के साथ इसका संयोजन राफेल को एक घातक हथियार प्लेटफॉर्म बना देता है.
हैमर मिसाइल (HAMMER):
हैमर मिसाइल को AASM (Armement Air-Sol Modulaire) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक मध्यम दूरी की, सटीक-निर्देशित हवा से जमीन पर मार करने वाली हथियार प्रणाली है. इसे फ्रांस की रक्षा कंपनी Safran द्वारा विकसित किया गया है. यह एक मॉड्यूलर सिस्टम है, जो पारंपरिक बमों को एक सटीक मिसाइल में बदल देता है. इसमें प्रणोदन किट और मार्गदर्शन प्रणाली जोड़ी जाती है.
भारत ने 2020 में चीन के साथ लद्दाख सीमा विवाद के दौरान आपातकालीन खरीद के तहत इसे अपने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए हासिल किया था.
मुख्य तकनीकी विशेषताएं:
मार्गदर्शन:
विशेषताएं:
बहु-लक्ष्य क्षमता: एक राफेल 6 हैमर मिसाइलें ले जा सकता है, यानी एक साथ 6 अलग-अलग लक्ष्यों पर हमला
मॉड्यूलर डिज़ाइन: विभिन्न आकारों और मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ अनुकूल, दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की पहुंच से बाहर रहते हुए हमला करने की क्षमता
अंतरराष्ट्रीय और भारतीय संदर्भ में उपयोग:
फ्रांसीसी वायुसेना और नौसेना द्वारा हैमर का उपयोग अफगानिस्तान (2008), लीबिया (2011), माली, इराक और सीरिया में किया गया. इसने कठोर और बंकर जैसे लक्ष्यों को नष्ट करने में अत्यधिक प्रभावशीलता दिखाई. भारत ने 2020 में SPICE-2000 बमों के एकीकरण में देरी को देखते हुए राफेल के साथ पहले से संगत हैमर मिसाइलों को प्राथमिकता दी. इसकी लद्दाख जैसे ऊंचे और पहाड़ी क्षेत्रों में सटीक मारक क्षमता भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम है.