Gaya: 'मन बहुत करता है, पर नहीं डाल पाते वोट', बहुत कोशिश की पर नहीं बन पाए वोटर कार्ड.. परिवार के बाद अब सरकार ने भी छोड़ा

वृद्धा आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों का नाम वोटर लिस्ट नहीं होने के कारण वह वोट नहीं डाल पा रहे हैं. आश्रम की तरफ से काफी कोशिश की गई है कि लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़ दिया जाए.

gnttv.com
  • गया,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

लोकतंत्र के महापर्व में हर एक वोट महत्वपूर्ण है. सरकार के द्वारा सभी लोगों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए शिविर और मतदान के प्रति जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है. वहीं बोधगया के श्रीपुर में स्थित वेदा वृद्धा आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों का मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण सभी वृद्ध महिला और पुरुष किसी भी चुनाव में मतदान करने से वंचित रह जाते है. 

इस वृद्धा आश्रम में कोई वृद्ध 10 वर्ष से लगातार रह रहा है तो कोई वृद्ध 15 वर्ष से लगातार रह रहा है. वहीं वृद्धा आश्रम संचालक के द्वारा वृद्धा आश्रम में रहने वाले लोगो को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए कई बार जिलाधिकारी के पास भी आवेदन दिया गया है, मगर इस आवेदन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं मतदाता सूची में नाम नहीं रहने के कारण किसी भी बुजुर्ग महिला पुरुष का वृद्धा पेंशन कार्ड भी नहीं बना है.

'मन करता है मतदान का, पर लिस्ट में नाम नहीं'
15 वर्षों से वृद्धा आश्रम में रहने वालीं शांति देवी ने बताया कि वह पटना के दानापुर की रहने वाली हैं. पति के गुजरने के बाद परिवार के लोगों ने संपत्ति लेकर घर से बेदखल कर दिया. जिसके बाद खाना खाने के लिए इधर उधर घूमने लगीं. तभी मोहल्ले की एक महिला ने हालत को देख उन्हें खुद अपने पास रखा और कुछ दिन बाद फिर वह किसी तरह वृद्धाश्रम पहुंचीं. 

उनके पति गया में रहते थे तो चुनाव के वक्त वह घर से पति के साथ वोट देने जाती थीं. लेकिन अब तो न वोटर कार्ड है और न ही आधार कार्ड है. ऐसे में चुनाव के समय वोट करने की इच्छा होती है लेकिन जब नाम हीं नहीं तो वोट कैसे करेंगी. कई बार वृद्धा पेंशन के लिए भी आवेदन किया, मगर दस्तावेज की कमी के कारण कोई वृद्धा पेंशन कार्ड भी नहीं बन पाया.

'पहले परिवार ने छोड़ा, अब सरकार ने'
वहीं वृद्धा आश्रम में रहने वाले मिश्र रजक ने बताया की जब वह जवान थे और अपने परिवार के साथ रहते थे तब वह मतदान केंद्र पर वोट देने जाते थे, मगर जब घर वालो ने निकल दिया और वृद्धा आश्रम में 6 वर्षों से रह रहे हैं, तब से वोट नहीं दिया है. पहले हमें परिवार के लोगों ने छोड़ दिया और अब लगता है सरकार छोड़ दिया है.

नहीं रेंगी जूं किसी के कान पर
वृद्धा आश्रम की संचालिका वेदा बताती हैं कि इस आश्रम में हम उन लोगों को रखते है जिनका कोई नहीं है. किसी को परिवार वाले घर से निकाल देते हैं. आश्रम में अभी 22 लोग ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड नहीं है. इसलिए वह लोग वोट डालने नहीं जाते है. वोटर कार्ड या आधार कार्ड रहेगा तभी न वोट डालने जाएगे. हमने लोगों का नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए काफी प्रयास किया, कई बार आवेदन किया, लेकिन हमारी बात को किसी ने नहीं सुना. 

-पंकज कुमार की रिपोर्ट

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