दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है, वहीं इसे लेकर सियासत भी चरम पर है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि प्रदूषण के आंकड़ों से छेड़छाड़ की जा रही है. AAP दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर आनंद विहार पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन का एक वीडियो साझा किया, जिसमें MCD के वाटर स्प्रिंकलिंग ट्रक स्टेशन के आसपास पानी का छिड़काव करते दिखाई दे रहे हैं. आप का कहना है कि ऐसा प्रदूषण के वास्तविक आंकड़ों को कम दिखाने के लिए किया जा रहा है. इसी आरोप की पड़ताल करने के लिए हमारी टीम ने एनवायरनमेंटलिस्ट और Warrior Mom अभियान की संस्थापक भावरीन कंधारी के साथ दिल्ली के कई प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों का दौरा किया.
आनंद विहार में सबसे ज्यादा अंतर
सबसे पहले टीम आनंद विहार पहुंची, जिसे दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में गिना जाता है. यहां MCD के ट्रक लगातार पानी का छिड़काव कर रहे थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां का AQI 276 दर्ज किया गया था, लेकिन भावरीन कंधारी के प्रदूषण मॉनिटर ने 400 से 500 के बीच की रीडिंग दिखाई. उन्होंने कहा कि सरकार को केवल पानी का छिड़काव करने के बजाय प्रदूषण के असली स्रोतों पर रोक लगानी चाहिए. स्प्रिंकलिंग से केवल PM10 पर असर पड़ता है, लेकिन PM2.5 जैसे महीन कणों पर नहीं, जो ज्यादा नुकसानदायक होते हैं. पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन के ठीक पास, जहां पानी का छिड़काव जारी था, AQI 290 से 300 के बीच पाया गया.
ITO और लोधी रोड पर भी मिला अंतर
इसके बाद टीम ITO पहुंची. यहां ऑनलाइन AQI 215 दिखाया जा रहा था, लेकिन जब मिनिस्टर के माप में यह 350 से ऊपर निकला. आज तक की जांच में यह भी सामने आया कि डिस्प्ले बोर्ड पर केवल PM10 और PM2.5 के आंकड़े दिखाए जा रहे थे, जबकि AQI का डेटा प्रदर्शित नहीं किया जा रहा था. लोधी रोड पहुंचने पर पाया गया कि वहां का AQI डिस्प्ले बोर्ड पूरी तरह बंद था. इससे पहले भी कई जगहों पर ऐसे बोर्ड्स के खराब होने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं.
इंडिया गेट पर भी दिखी प्रदूषण की चादर
हमारी टीम जब इंडिया गेट पहुंची, तो वहां धूप में भी प्रदूषण की मोटी परत साफ नजर आ रही थी, जिसने पूरे क्षेत्र को घेर रखा था. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच AQI डेटा में असमानता, डिस्प्ले बोर्ड्स के बंद रहने और स्प्रिंकलिंग के जरिए प्रदूषण नियंत्रण के दिखावे ने सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राजधानी में हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है, लेकिन राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं. ऐसे में दिल्लीवालों के लिए स्वच्छ हवा अब भी दूर की बात लग रही है.
(अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट)