Pravasi Bharatiya Divas में शामिल हुए Suriname के राष्ट्रपति Chandrikaprasad Santokhi, जानिए क्या है उनका बिहार से नाता

Chan Santokhi: सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी का परिवार 19वीं शताब्दी में बिहार से गया था. संतोखी ने एक पुलिस अधिकारी के तौर पर करियर की शुरुआत की और राष्ट्रपति तक का सफर तय किया. संतोखी अपने 9 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं.

सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद चान संतोखी प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2023 में शामिल हुए
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST
  • 19वीं शताब्दी में बिहार से सूरीनाम गया था परिवार
  • बंदरगाह पर काम करते थे संतोखी के पिता

मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में शिरकत की. इस सम्मेलन में दुनियाभर के प्रवासी भारतीय हिस्सा ले रहे हैं. इसमें सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी भी शामिल हुए. चंद्रिकाप्रसाद की फैमिली 19वीं शताब्दी में बिहार से सूरीनाम गई थी. तब से उनका परिवार सूरीनाम का ही होकर रह गया.

कौन हैं चंद्रिकाप्रसाद चान-
चंद्रिकाप्रसाद संतोखी का जन्म 3 फरवरी 1959 को सूरीनाम के लेलीडॉर्प में एक इंडो-सूरीनामी हिंदू परिवार में हुआ था. चंद्रिकाप्रसाद 9 भाई-बहनों में सबसे कम उम्र के हैं. उनके पिता राजधानी पारामारिबो में बंदरगाह पर काम करते थे. जबकि उनकी मां लेलीडॉर्प में दुकान में काम करती थीं.

RPR से जुड़े हैं चंद्रिकाप्रसाद-
चंद्रिकाप्रसाद प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी के सदस्य हैं. पीआरपी सूरीनाम की एक हिंदुस्तानी राजनीतिक दल है. पहले इसे यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी के नाम से जाना जाता था. सूरीनाम में पीआरपी एक बड़ी सियासी ताकत है. पीआरपी ने 51 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में 20 सीटों पर जीत दर्ज की है. साल 2011 में चान संतोषी को प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. इससे पहले पीआरपी सिर्फ इंडो-सूरीनामी पार्टी थाी. लेकिन संतोखी के अध्यक्ष बनने के बाद यह पार्टी का समर्थन बढ़ने लगा. संतोखी की मेहनत से पीआरपी सूरीनाम की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. फिलहाल संतोखी सूरीनाम के राष्ट्रपति हैं.

पुलिस की नौकरी से करियर की शुरुआत-
चान संतोखी ने राजधानी के अल्जेमेन मिडेलबेयर स्कूल से VWO डिप्लोमा हासिल किया. उसके बाद साल 1978 में 19 साल की उम्र में संतोखी को नीदरलैंड में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिला. साल 1982 में चंद्रिकाप्रसाद ने एप्लाइड रिसर्च में बैचलर की डिग्री हासिल की और राजधानी पारामारिबो में पुलिस कमिश्नर के तौर पर काम किया. साल 1989 में सिर्फ 23 साल की उम्र में संतोखी को नेशनल क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट का हेड बना दिया गया. 2 साल तक इस पद पर काम करने के बाद साल 1991 में चंद्रिकाप्रसाद को सूरीनाम का चीफ कमिश्नर ऑफ पुलिस बना दिया गया.

CICAD के चेयरमैन रहे संतोखी-
साल 2005 में चान संतोखी ने पीआरपी की तरफ से न्याय और पुलिस मंत्री की शपथ ली. संतोखी इस पद पर साल 2010 तक बने रहे.  संतोखी 15 साल तक CICAD के प्रतिनिधि रहे. साल 2010 में उनको इंटर-अमेरिकन ड्रग एब्यूज कंट्रोल कमीशन का चेयरमैन भी चुना गया. CICAD एक अमेरिकी राज्यों के संगठन का एक ऑटोनॉमस बॉडी है, जो वेस्टर्न गोलार्ध की ड्रग पॉलिसी का समन्वय करता है.

2020 में सूरीनाम के राष्ट्रपति बने चंद्रिकाप्रसाद-
चंद्रिकाप्रसाद संतोखी 16 जुलाई 2020 को सूरीराम के 9वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. कोरोना की वजह से साधारण तरीके से पद और गोपनीयता की शपथ ली. चंद्रिकाप्रसाद ने संस्कृत के श्लोक और मंत्र पढ़कर राष्ट्रपति पद की शपथ ली. ट्रेड यूनियन के लीडर की हत्या मामले का दोषी पाए जाने के बाद राष्ट्रपति देसी बौतेरसे ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद चान संतोखी ने पद संभाला. साल 2021 में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में चंद्रिकाप्रसाद संतोखी शामिल हुए थे.

संतोखी की फैमिली-
चंद्रिकाप्रसाद ने 19 जुलाई 2020 को हिंदू रीति-रिवाज से मेलिसा कवितादेवी सीनाचेरी से शादी की. संतोखी 4 बच्चों के पिता हैं. पहली शादी से संतोखी के दो बच्चे हैं. मेलिसा पेशे से वकील हैं. मेलिसा की ये दूसरी शादी है. पहले शादी से मेलिसा की एक बेटी और एक बेटा है.

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