पंजाब को दोबारा पटरी पर लाने के लिए आम आदमी पार्टी की मान सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है. बाढ़ का पानी कई इलाकों से उतर चुका है लेकिन गांव-गांव में अभी भी सिल्ट, गंदगी और मलबा फैला हुआ है. जन जीवन सामान्य करने और बीमारियों से बचाव के लिए सरकार ने सफाई से लेकर स्वास्थ्य और किसानों की मदद तक का व्यापक प्लान बनाया है.
पंजाब की मान सरकार का कहना है कि 2300 से ज़्यादा गांव और वार्ड में सफाई का महा अभियान चलेगा. हर गांव में जेसीबी, ट्रैक्टर- ट्रॉली और मज़दूरों की टीमें भेजी जा रही हैं. ये टीमें मलबा और सिल्ट हटाएंगी. मरे हुए जानवरों को नष्ट करेंगी और इसके बाद हर गांव में फॉगिंग होगी ताकि कोई बीमारी न फैले. इस काम के लिए 100 करोड़ का फंड रखा गया है. हर गांव को तुरंत 1 लाख रुपए दिए गए है और ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त पैसा भी मिलेगा.
पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि 24 सितंबर तक गांवों से मलबा हट जाए. 15 अक्टूबर तक सामाजिक जगहों की मरम्मत पूरी हो और 22 अक्टूबर तक तालाबों की सफाई हो जाए. स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है. बाढ़ प्रभावित 2303 गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे. जिन 596 गांवों में पहले से आम आदमी क्लिनिक हैं, वहां ये कैंप चलेंगे. बाकी 1707 गांवों में स्कूल, धर्मशाला, आंगनवाड़ी और पंचायत भवन में कैंप लगेंगे. हर कैंप में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और दवाइयां मौजूद होंगी. इसके अलावा 550 एंबुलेंस भी तैनात की जा रही हैं ताकि लोगों को तुरंत इलाज मिल सके.
पंजाब में पशुधन को बचाने के लिए भी सरकार ने मोर्चा संभाला है. रिपोर्ट के मुताबिक, 713 गांवों में करीब 2.5 लाख पशु प्रभावित हुए हैं. इसके लिए वेटनरी डॉक्टरों की टीमें गांवों में पहुंच चुकी हैं. खराब चारा हटाया जा रहा है, किसानों को पोटेशियम परमैंगनेट दिया जा रहा है. 30 सितंबर तक सभी प्रभावित पशुओं का टीकाकरण पूरा किया जाएगा. किसानों की सबसे बड़ी चिंता फसल बेचने की है. मान सरकार ने इस बार खरीद जल्दी शुरू करने का फ़ैसला किया है. 16 सितंबर से मंडियों में खरीद शुरू होगी.
जिन मंडियों को बाढ़ से नुकसान हुआ है, वहां तेज़ी से सफाई और मरम्मत हो रही है, ताकि 19 सितंबर तक सभी मंडियां किसानों की फसल खरीदने के लिए तैयार हो जाएं. मान सरकार का कहना है कि यह सिर्फ़ राहत का काम नहीं है बल्कि पंजाब को दोबारा खड़ा करने का संकल्प है. सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि एनजीओ, यूथ क्लब और समाजसेवी संस्थाएं इस काम में हाथ बटाएं. पंजाब ने हर संकट में मिलकर लड़ाई लड़ी है. इस समय संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो? जब सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी हो तब हर पंजाबी दिल से कह उठता है, ‘ए मान सरकार साडे नाल खड़ी'.