सरयू नदी के तट पर, अयोध्या में एक ऐसी भारतीय राजकुमारी का मेमोरियल पार्क खुलने वाला है जो सात समंदर पार जाकर रानी बन गई थीं. रानी ह्यो ह्वांग-ओक की विरासत और उनकी जड़ों को याद करते हुए अयोध्या में इस पार्क का निर्माण किया जा रहा है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 अक्टूबर को दिवाली की पूर्व संध्या पर इसका उद्घाटन करने वाले हैं. ये कार्यक्रम दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में दीपोत्सव समारोह के दौरान होगा. बता दें, योगी आदित्यनाथ और दक्षिण कोरिया की तत्कालीन प्रथम महिला किम जोंग-सूक ने नवंबर 2018 में दीपोत्सव पर पार्क की आधारशिला रखी थी.
कैसा होगा मेमोरियल पार्क?
इस मेमोरियल पार्क में अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना (Princess Suriratna of Ayodhya) की यात्रा को चित्रित किया जाएगा. जिन्होंने कोरिया की यात्रा की थी और राजा किम सुरो से शादी कर ली की थी. यही राजकुमारी शादी के बाद में 48AD में रानी ह्यो ह्वांग-ओक (Queen Heo Hwang-ok) बन गईं थी. इस स्मारक के दक्षिण-पूर्व कोने में रानी ह्यो ह्वांग की मूर्ति होगी और उत्तर-पूर्व कोने में राजा किम सुरो (King Kim Suro) की मूर्ति. इसके साथ तालाब में फुट ओवरब्रिज भी होगा.
इतना ही नहीं पार्क में ग्रेनाइट से बना एक अंडा भी होगा, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार, राजकुमारी सुरीरत्ना को कोरिया की समुद्री यात्रा के दौरान एक सुनहरा अंडा मिला था. यह पार्क 21 करोड़ रुपये के बजट से सरयू नदी के तट पर बनाया गया है. दक्षिण कोरियाई सरकार ने भी इस पार्क में सौंदर्यीकरण का काम किया है.
राजकुमारी सुरीरत्ना कौन थी?
दरअसल, ह्यो एक कोरियाई रानी थीं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनका जन्म अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना के रूप में, राजा पद्मसेन और इंदुमती के घर हुआ था. पद्मसेन ने कौसल के प्राचीन साम्राज्य पर शासन किया था. ये वो क्षेत्र था जो वर्तमान यूपी से उड़ीसा तक फैला हुआ था. 48 ईसा पूर्व में, राजकुमारी, तब 16 साल की थीं, ने 'अयुता' की प्राचीन भूमि से कोरिया की यात्रा की थी. और वहां जाकर किम सुरो, जो वहां के राजा थे से शादी कर ली थी. जिसके बाद वे ग्यूमगवान गया (Geumgwan Gaya) की रानी बनीं.
करक वंश की शुरुआत की
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमारी सुरीरत्ना, लगभग 2000 साल पहले 48 ईस्वी में कोरिया गई थी. वहां जाकर उन्होंने करक वंश की शुरुआत की थी. कुछ चीनी भाषा के ग्रंथों का दावा है कि अयोध्या के तत्कालीन राजा ने एक सपना देखा था जहां भगवान ने उन्हें अपनी 16 साल की बेटी को राजा किम सुरो से शादी करने के लिए दक्षिण कोरिया भेजने का आदेश दिया था. दंतकथाओं और ऐतिहासिक कहानियों वाली एक लोकप्रिय दक्षिण कोरियाई पुस्तक, समगुक युसा (Samguk Yusa) में इस बात का उल्लेख मिलता है कि रानी ह्यो ह्वांग-ओक "अयुता" साम्राज्य की राजकुमारी थी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ अयोध्या में सरयू के पास रानी ह्यो ह्वांग-ओक के मौजूदा स्मारक के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिएएक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.