Railways Implements Airport-Style Luggage Rules: ट्रेन में नहीं ले जा पाएंगे ज्यादा सामान... जान लें यह नया नियम

अब ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को भी अपने बैग का वजन और साइज चेक कराना होगा.

Indian Railway New Baggage Rules
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसे बैगेज नियम लागू करने की तैयारी कर ली है. अब ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को भी अपने बैग का वजन और साइज चेक कराना होगा.

कितना सामान ले जा सकेंगे यात्री?
रेलवे ने अलग-अलग क्लास के हिसाब से मुफ्त लगेज की सीमा तय की है-

  • फर्स्ट एसी : 70 किलो
  • सेकेंड एसी : 50 किलो
  • थर्ड एसी और स्लीपर : 40 किलो
  • जनरल और सेकेंड सिटिंग : 35 किलो

यात्रियों को 10 किलो तक का अतिरिक्त सामान ले जाने की छूट होगी, लेकिन इसके लिए लगेज बुक कराना जरूरी होगा और एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा. 

क्यों जरूरी है नया नियम?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह नियम सुरक्षा और सुविधा दोनों के लिए है। कई बार यात्री बहुत ज्यादा सामान लेकर चलते हैं, जिससे कोच में चलने और बैठने में परेशानी होती है. साथ ही, अतिरिक्त और बिना बुकिंग का लगेज सिक्योरिटी के लिए खतरा भी है. अगर कोई यात्री तय सीमा से ज्यादा या बहुत बड़ा बैग लेकर आता है तो उसे सामान्य दर से ज्यादा चार्ज देना होगा. 

कहां से होगी शुरुआत?
उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे ने इस व्यवस्था की शुरुआत लखनऊ और प्रयागराज मंडल के प्रमुख स्टेशनों से करने का फैसला किया है. इनमें शामिल हैं: लखनऊ चारबाग, बनारस, प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, टुंडला, अलीगढ़, गोविंदपुरी और इटावा.

इन जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक लगेज मशीनें लगाई जाएंगी. प्लेटफॉर्म पर एंट्री से पहले यात्रियों के बैग का वजन और आकार चेक होगा.

प्रयागराज जंक्शन का मेगा बदलाव
प्रयागराज जंक्शन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 960 करोड़ रुपये की लागत से एयरपोर्ट जैसा आधुनिक स्टेशन बनाया जा रहा है.

  • 9 मंज़िला बिल्डिंग
  • बड़े वेटिंग लाउंज
  • हाई-स्पीड वाई-फाई
  • सोलर पावर और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
  • डिजिटल स्क्रीन और ऑटोमैटिक टिकट मशीनें
  • यह स्टेशन पूरी तरह दिव्यांग-फ्रेंडली और ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा.

दिसंबर 2026 से नई व्यवस्था
दिसंबर 2026 से सिर्फ वैध ट्रेन टिकट वाले यात्री ही टर्मिनल एरिया में जा सकेंगे. ट्रेन टिकट यहां बोर्डिंग पास की तरह काम करेगा. गैर-यात्रियों को प्लेटफॉर्म टिकट लेना होगा, जो अब विज़िटर पास के रूप में माना जाएगा. 

खास क्यों है यह बदलाव?

  • लंबी दूरी की यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाना.
  • भीड़भाड़ वाले त्योहारों, खासकर कुंभ और महाकुंभ के दौरान व्यवस्था आसान करना.
  • स्टेशन पर सात कोर सर्विस कॉन्सेप्ट लागू कर ट्रेनों की आवाजाही को बेहतर तरीके से मैनेज करना.

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि प्रयागराज जंक्शन का नया रूप देशभर के लिए एक मॉडल स्टेशन बनेगा. इसके बाद कानपुर और ग्वालियर जैसे स्टेशन भी इसी तरह बदले जाएंगे. 
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