Rashtra Sevika Samiti: RSS के फैसलों में कितनी होती है राष्ट्र सेविका समिति की भूमिका, कैसे काम करता है ये संगठन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के समानांतर राष्ट्र सेविका समिति काम करती है. इसमें सिर्फ महिलाएं काम करती हैं. इसकी शुरुआत आरएसएस की स्थापना के 11 साल बाद साल 1936 में हुआ था. राष्ट्र सेविका समिति भी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है. देशभर में इसकी हजारों शाखाएं संचालित होती हैं.

Rashtra Sevika Samiti
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में महिलाओं की भूमिका को लेकर अकसर सवाल उठते रहते हैं कि इस संगठन में महिलाओं को क्यों नहीं शामिल किया जाता है? लेकिन ज्यादातर लोगों को ये जानकारी नहीं है कि महिलाओं के लिए RSS के समानान्तर संगठन चलता है. जिसका नाम राष्ट्र सेविका समिति है. इस संगठन को भी RSS कहा जाता है. इस संगठन में सिर्फ महिलाएं काम करती हैं. ये संगठन भी आरएसएस की तरफ सामाजिक कार्य करता है. इसे आरएसएस की महिला शाखा के तौर पर माना जाता है. वर्तमान में राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांता कुमारी हैं.

क्या है राष्ट्र सेविका समिति?
राष्ट्र सेविका समिति की शुरुआत आरएसएस की स्थापना के 11 साल बाद साल 1936 में विजयादशमी के दिन किया गया था. इसकी शुरुआत लक्ष्मीबाई केलकर ने की थी. उनको मौसीजी के नाम से जाना जाता है. राष्ट्र सेविका समिति का मुख्यालय नागपुर में है.

कैसा है ये संगठन?
पूरे देश में 2900 शाखाएं हैं. इसमें रोजाना और साप्ताहिक शाखाएं शामिल हैं. इसमें सेविकाओं की शारीरिक शिक्षा, बौद्धिक विकास और मनोबल बढ़ाने के लिए काम किया जाता है. हर साल भारतीय और विभागों की बैठकें आयोजित की जाती हैं. इसके अलावा वन विहार और शिविरों का भी आयोजन होता है. अखिल भारतीय और प्रांत लेवल पर भी बैठकें होती हैं. राष्ट्र सेविका समिति से 10 लाख बहनें जुड़ी हैं. राष्ट्र सेविका समिति का 10 देशों में विदेशी शाखाएं भी हैं. 

कैसे काम करती हैं महिला स्वयंसेवी?
राष्ट्र सेविका समिति में कुछ महिलाएं पूर्ण कालिक होती हैं. जबकि कुछ महिलाओं को सीमित समय के  लिए जिम्मेदारी दी जाती है. सेविकाएं आरएसएस की तरह शाखाएं भी लगाती हैं. जिसमें लड़कियों से लेकर कामकाजी महिलाएं तक शामिल होती हैं.

क्या होता है सेविकाओं का काम?
पूर्ण कालिक महिला सेविकाएं समाज के अंदर सांस्कृतिक चेतना के विस्तार और संगठन के विस्तार के लिए काम करती हैं. देश के किसी हिस्से में प्राकृतिक आपदा आने पर राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाएं काम करती हैं. वो लोगों के लिए जरूरी चीजें इकट्ठा करती हैं और उसे जरुरतमंदों तक पहुंचाती हैं. सेविकाएं सिलाई-कढ़ाई के साथ दूसरे काम भी करती हैं, जिससे पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाई जा सके.

राष्ट्र सेविका समिति की शाखाओं में महिलाओं को बच्चों को पालने, बच्चों में सांस्कृतिक चेतना के विकास के लिए जरूरी ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा महिलाओं को शारीरिक ट्रेनिंग भी दी जाती है.

कौन-कौन से खेल खेलती हैं सेविकाएं?
राष्ट्र सेविका समिति में मंडल खेल, द्वि मंडल के खेल, दो दलों के खेल, बौद्धिक खेल, सर्वश्रेष्ठ की विजय और साधन युक्त खेल होते हैं. शाखाओं में दौड़ प्रतियोगिता, लंगड़ी प्रतियोगिता, विट्ठल कूद प्रतियोगिता, मेंढक चाल प्रतियोगिता और उलटा दौड़ना प्रतियोगिता का आयोजन होता है.

राष्ट्र सेविका समिति से जुड़े फेमस महिलाएं-
लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन को राष्ट्र सेविका समिति का सदस्य बताया जाता है. वो इंदौर से 8 बार सांसद भी चुनी गई हैं. सुमित्रा महाजन सुमित्रा ताई के नाम से फेमस हैं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज भी राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी रहीं. सुषमा स्वराज बीजेपी के संसदीय बोर्ड की सदस्य भी रही थीं. इसके अलावा भी कई फेमस महिलाएं राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी रही हैं.

RSS के कई फैसलों में होती है भूमिका-
आरएसएस के कई फैसलों में राष्ट्र सेविका समिति की अहम भूमिका होती है. इसको आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वीकार किया है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में एक बुक लॉन्च इवेंट में मोहन भागवत ने कहा था कि संघ कई मुद्दों पर फैसले महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति से विचार-विमर्श के और समन्वय करके करता है. उन्होंने कहा था कि राष्ट्र सेविका समिति को साल 1936 में महिलाओं के लिए बनाया गया था, ताकि वो पुरुषों के लिए बने आरएसएस के समानांतर काम कर सकें.

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