Rules For Airplane: देश के रूल पर उड़ेंगी उड़ान, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता.. विदेशी मानकों को टाटा-बाय बाय

भारत में विमान सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि विमान अब स्वदेशी मानकों पर चलेंगे. साथ ही इनके पुर्ज़ों को भारत में बनाकर टेस्ट किया जाएगा.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

भारत में अभी तक विमान इंडस्ट्री में यात्रियों की सुरक्षा यूरोप व अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होती थी. लेकिन इस मामले में एक बड़ा फैसला लिया गया है. भारत की नागरिक उड्डयन प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किया जा रहा है. दरअसल डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने अब स्वदेशी उड़ान योग्यता नियम लागू किए हैं. 

जो मानक पहले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए तय किए गए थे. वह अब भारत की परिस्थितियों और तकनीकी जरूरत को नज़र में रखते हुए तय किए जाएंगे. इससे भारत की तकनीक के क्षेत्र में भी एक अलग पहचान बनेगी. साथ ही विमान इंडस्ट्री में नियम तय करने वाले देश के रूप में भी भारत जाना जाएगा.

क्या होगें बदलाव?
जहां अभी तक हमें विमान के पुर्ज़ों के डिजाइन के लिए बाहर की एजंसियों से स्वीकृति लेनी होती थी. इस फैसले के बाद ऐसा करने की हमे जरूरत नहीं होगी. हम अपने विमानों के पुर्जों के मानक खुद ही तय कर सकेंगे. साथ ही देश में विमान के पुर्ज़ों के निर्माण के लिए फैक्ट्रियां भी लगाई जाएंगी. जिससे रोजगार में भी इज़ाफा होगा.

कैसे तय किया जाएगा मानक?
किसी भी विमान के इंजन या प्रोपेलर को क्लियरंस देने के लिए विमान को कम से कम 300 घंटे के उड़ान परीक्षण के गुजरना होगा. इस दौरान अगर किसी प्रकार की दिक्कत सामने नहीं आती है तो क्लियरंस दे दी जाएगी. साथ ही परीक्षण के दौरान कन्फिगरेशन और रिस्क कैटेगरी को बदला जा सकता है. हालांकि विमान के परीक्षण के समय को 300 घंटे के लिए तय किया गया है. 

किसी भी पुर्जें के परीक्षण के लिए विमान के प्रोटोटाइप का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही नया विमान, इंजन होने पर कंपनी को डीजीसीए को एक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम देना होगा. पहले यह स्पष्ट नहीं था कि विशेष उड़ानों की अनुमति किन स्थितियों में है. लेकिन अब केवल परीक्षण उड़ान, फैक्ट्री से ग्राहक तक डिलिवरी, निर्यात, एयर शो और मरम्मत कार्य के लिए ही विशेष उड़ाने होंगी. तो वहीं इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी और ड्रोन टैक्सी के लिए अलग से नियम लागू होंगे.

पुर्जें में खराबी होने पर क्या होगा
यदि किसी विमान के पुर्जें में खराबी पाई जाती है या असुरक्षित स्थिति पैदा होती है तो कंपनी को 72 घंटे के अंदर डीजीसीए को रिपोर्ट भेजनी होगी. क्योंकि विमान अब भारतीय मानकों पर चलेंगे इसलिए डीजीसीए सर्टिफिकेट जारी करेगी. और यह सर्टिफिकेट केवल तब तक ही वैध रहेगा जब तक विमान कंपनी स्वदेशी नियमों का पालन करती रहेगी.

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