आसाराम के बेटे नारायण साईं को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, फरलो पर लगी रोक

गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा कि साईं को ‘फरलो ’ नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह जेल के अंदर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है.

आसाराम के बेटे नारायण साईं की फरलो मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक.
नाज़िया नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST
  • नारायण साईं को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
  • जेल से दी गई दो सप्ताह की छुट्टी रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आसाराम बापू के पुत्र नारायण साईं को जेल से दी गई दो सप्ताह की छुट्टी रद्द कर दी है. नारायण साईं साल 2014 के रेप मामले में उम्र क़ैद की सज़ा काट रहा है. जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, गुजरात सरकार की स्पेशल लीव पेटिशन पर सुनवाई कर रही है.

गुजरात सरकार जेल से अवकाश देने का विरोध किया 

गुजरात सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साई को ‘फरलो ’ नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह जेल के अंदर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. साईं ने इस आधार पर ‘फरलो’ मांगी है कि उसे पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए अपने पिता आसाराम की देखरेख करनी है. दरअसल, सूरत की एक कोर्ट ने नारायण साई को 26 अप्रैल 2019 को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (षड्यंत्र) के तहत दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल से अवकाश, बिना कारण बताए एक तय वक़्त के बाद ही दिया जा सकता है लेकिन अदालत ने ये भी साफ़ किया कि बिना वजह बताए क़ैदी छुट्टी तो मांग सकते हैं लेकिन ये उनका ‘पूर्ण अधिकार’ नहीं है.

जेल के अंदर भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा नारायण साईं

नारायण साईं और उसके पिता आसाराम को बलात्कार के अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है और वे आजीवान कारावास की सजा काट रहे हैं. गुजरात सरकार कि ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि साईं ने पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी और वह जेल के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था. साथ ही बलात्कार के मुकदमे के दौरान उससे जुड़े मामलों के कई प्रमुख गवाहों पर हमले हुए और उनकी हत्या कर दी गई थी.


 

Read more!

RECOMMENDED