सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में रेप के आरोपी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है, क्योंकि पीड़िता और आरोपी दोनों ने कोर्ट के सामने शादी करने की इच्छा जताई. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला दिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों को लंच ब्रेक में चेंबर में बुलाकर बातचीत की. इसके बाद कोर्ट ने कहा, “दोनों पक्षों ने शादी करने की इच्छा जाहिर की है.” कोर्ट ने आरोपी को कोर्ट रूम में ही पीड़िता को फूल देकर प्रपोज करने का आदेश दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.
कोर्ट ने कहा: ‘उम्मीद है जल्द होगी शादी’
कोर्ट ने कहा, “दोनों शादी के लिए राजी हैं. शादी की तारीख और बाकी व्यवस्थाएं दोनों के परिवार मिलकर तय करेंगे. हम आशा करते हैं कि शादी जल्द से जल्द हो.” कोर्ट ने इसके बाद आरोपी की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि वह तुरंत रिहा किया जाए. हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आरोपी को पहले जेल जाना होगा और फिर उसे संबंधित सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा. वहीं सत्र न्यायालय उचित शर्तों पर उसे जमानत देगा.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2021 में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने 2016 से 2021 के बीच उससे शादी का झूठा वादा कर कई बार शारीरिक संबंध बनाए. दोनों की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी, क्योंकि पीड़िता आरोपी की बहन की दोस्त थी. जब पीड़िता ने शादी की बात कही तो आरोपी ने मना कर दिया और कहा कि उसकी मां राजी नहीं है. इसके बाद पीड़िता ने उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया.
सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर अस्थायी रोक लगाई
सितंबर 2024 में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(n) (बलात्कार) और 417 (धोखाधड़ी) के तहत दोषी ठहराया था. उसे 10 साल की कैद और दो साल की अलग सजा सुनाई गई थी. इसके बाद आरोपी ने सजा पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली. फिर उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
अब सुप्रीम कोर्ट ने शादी की इच्छा को देखते हुए सजा पर अस्थायी रोक लगाई है.