15 साल में ग्रेजुएशन करने जा रहीं Indore की Tanishka Sujit, PM Modi को बताया अपना सपना, प्रधानमंत्री ने दी ये सलाह

Tanishka Sujit: मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली तनिष्का सुजीत 15 साल की उम्र में ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की परीक्षा देने जा रही हैं. एक अप्रैल को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. तनिष्का ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से बताया कि वो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनना चाहती हैं.

15 साल में बीए फाइनल ईयर की परीक्षा देने जा रहीं तनिष्का सुजीत ने पीएम मोदी से मुलाकात की
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर की बेटी तनिष्का सुजीत इतिहास रचने जा रही हैं. तनिष्का सिर्फ 15 साल की हैं और इस साल बीए की अंतिम वर्ष की परीक्षा देने जा रीह हैं. तनिष्का मनोविज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं. वो इंदौर के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय की छात्रा हैं. उनका सपना चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने का है.

तनिष्का की पीएम मोदी से हुई है मुलाकात-
एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के दौरे पर थे. उसी दौरान तनिष्का और उनकी मां ने पीएम मोदी से मुलाकात की. तनिष्का का कहना है कि पीएम मोदी से मुलाकात सपने के सच होने जैसा था. तनिष्का ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को बताया कि मैं कानून की पढ़ाई करना चाहती हूं और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनना चाहती हूं. तनिष्का ने बताया कि पीएम मोदी ने मुझे सपने को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. पीएम मोदी ने तनिष्का को तकनीक पर फोकस करने की सलाह दी.

अमेरिका में पढ़ना चाहती हैं तनिष्का-
तनिष्का सुजीत का सपना अमेरिका में पढ़ने का है. उनका कहना है कि वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका जाना चाहती है और लॉ की पढ़ाई करना चाहती हैं. तनिष्का ने सिर्फ 12 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी.

कोरोना से परिवार में 3 लोगों की मौत-
कोरोना महामारी के दौरान उनके परिवार ने त्रासदी झेली. 28 मई 2020 को तनिष्का के नाना की मौत हो गई. इसके 15 दिन बाद यानी 13 जून को तनिष्का के दादा ने दम तोड़ दिया. इसके बाद अभी एक महीना भी नहीं बीता था. इससे पहले ही 2 जुलाई को उनके पिता की मौत हो गई. पूरा परिवार सदमे में था. किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या किया जाए. तनिष्का की मां का कहना है कि इसके बावजूद उन्होंने ये कोशिश की कि उसकी पढ़ाई प्रभावित ना हो. तनिष्का को उनके पिता ने घर पर ही पढ़ाया था.
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने मदद की और तनिष्का का एडमिशन देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में कराया. विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान के एचओडी प्रो. रेखा आचार्य ने कहा कि जब वो 12 साल की थी तो हमने उससे बात की और यह जानने की कोशिश की कि वो क्या करना चाहती है. उसके बाद हमें पता चला कि उसकी रुचि मनोविज्ञान में हैं. तो हमने उसे सुझाव दिया कि ग्रेजुएशन में मनोविज्ञान विषय से एडमिशन लेना चाहिए, ताकि वो विदेश में पढ़ाई कर सके.

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