इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थान केवल शिक्षा प्रदान करने के लिए होते हैं, ऐसे संस्थानों की भूमि और भवन, जिनमें उनके खेल के मैदान भी शामिल हैं. उसका उपयोग किसी भी नाम से व्यावसायिक गतिविधि के लिए नहीं किया जा सकता है. जैसे प्रदर्शनी, व्यापार मेले या अन्य प्रकार के मेले, या किसी भी वस्तु और सामान आदि की बिक्री के लिए नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में एक महीने के भीतर स्पष्ट परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने कहा शैक्षणिक संस्थानों के बुनियादी ढांचे का उपयोग केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए होगा. उनसे जुड़ी गतिविधियों, जैसे खेल आयोजनों, सांस्कृतिक, अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं और संस्थान द्वारा आयोजित अन्य समान पाठ्यचर्या गतिविधियों के लिए ही किया जाना चाहिए. किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करना अनुचित है.
खेल मैदान में मेले पर उठा विवाद
हमीरपुर जिले के राठ स्थित ब्रह्मानंद डिग्री कालेज खेल मैदान में जनवरी 2025 में लगाए गए मेले के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है. कोर्ट ने कहा, यद्यपि जिस अवधि के लिए उक्त डिग्री कॉलेज में मेला आयोजित करने की अनुमति दी गई थी. वह मार्च, 2025 में ही समाप्त हो चुकी है, लेकिन इससे हमारे समक्ष उठाए गए मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता. कोर्ट ने कहा कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की अचल संपत्ति, जिसमें उनके खेल के मैदान भी शामिल हैं, उनके व्यावसायिक गतिविध के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि वह आदेश की प्रति मुख्य सचिव को एक सप्ताह के भीतर अनुपालन के लिए भेजे.
जिलाधिकारियों को निर्देश देने की हुई बात
बीते 14 अक्टूबर को डिवीजन बेंच ने यह आदेश सुनाया कि जनहित याचिका में प्रतिवादी अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे एडेड ब्रह्मानंद डिग्री कॉलेज राठ हमीरपुर के परिसर में आयोजित होने वाले वाणिज्यिक मेले को रोकें. याची का तर्क था कि प्रधानाचार्य के कहने पर मेला लगाया जा रहा है. याची ने हाईकोर्ट द्वारा तीन मार्च 2020 को दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा, कोर्ट सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दे चुका है कि वह शैक्षणिक संस्थानों को किसी भी निजी उद्देश्य के लिए संस्थानों की संपत्तियों का उपयोग करने से रोकें, स्कूलों/कॉलेजों/संस्थानों की भूमि और भवनों पर किसी भी प्रकार के विवाह समारोह या व्यावसायिक गतिविधियों के आयोजन न होने दिया जाए. इस संबंध में शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) ने नौ जून 2020 को पत्र भी जारी किया था. प्रकरण में संबंधित संस्था ने हलफनामा दायर कर कहा था कि उसने आयोजन के संबंध में एसडीएम राठ हमीरपुर से अनुमति प्राप्त की थी.
-पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट