अगर किसी को चश्मा लगा हो तो उसे कोई चीज़ बिन चश्मे के खोजने में मुश्किल होती है. लेकिन अगर कहें कि एक शख्स को बिन चश्मे के ठगी का शिकार बनाया तो कैसा लगेगा. दरअसल मुंबई में बांद्रा से लेकर अंधेरी जाने पर एक शख्स ठगी का शिकार हो गया. वो भी कोई 500-1000 की नहीं बल्कि 90 हजार की ठगी का शिकार बना. चलिए बताते हैं कि क्या है पूरा मामला.
12 किलोमीटर का सफर बैठा भारी
बांद्रा से अंधेरी का सफर केवल 12 किलोमीटर का ही है. यहां एक शख्स अंधेरी से बांद्रा के लिए ऑटो करता है. जिसके बाद वह बांद्रा में उतर जाता है. ऑटो वाले को पेमेंट भी की जाती है. सब ठीक चल रहा था. लेकिन करीब 5 घंटे के बाद शख्स को पता चलता है कि ऑटो वाले को भाड़ा तो कुछ ज्यादा ही दे दिया.
कितना दे दिया भाड़ा
दरअसल जो एफआईआर की गई है उसके अनुसार एक 30 वर्षीय युवक ने अंधेरी से बांद्रा के लिए ऑटो किया था. यह बात है 10 अप्रैल की. ऑटो चालक ने समय का फायदा उठाते हुए इस 12 किलोमीटर के सफर के लिए 1500 रुपए बतौर भाड़ा मांगा था. जिसके लिए युवक राज़ी हो गया था.
लेकिन पेंच यहां फसता है कि युवक पेशे से एक वकील है और उसे काफी पढ़ाई के कारण चश्मा पहनने की आदत है. उस दौरान उसने चश्मा नहीं पहना हुआ था. अब डिजिटल जमाने में पेमेंट भी डिजिटल होती है. तो युवक ने ऑटो चालक पर भरोसा किया. और अपना फोन उसे थमा दिया. साथ ही पेमेंट ऐप का पासवर्ड भी बताया.
पर शातिर ऑटो चालक ने भाड़े के 1500 की जगह 90,518 रुपए की रकम उसमें लिखी और पासवर्ड डाल उसे अपने खाते में डाल लिया. जिसके बाद इस रकम को छिपाने के लिए अलग-अलग खातों में भेज दिया.
कब पता चला पीड़ित को धोखाधड़ी का
दरअसल युवक रात 12.30 पर अपने दोस्तों के साथ एक रेस्तरां में गया था. जहां से वह सुबह के 5.45 पर निकला और घर जाने के लिए ऑटो लिया. अब वहां थोड़ी पार्टी भी थी इस वजह से उसके पास उसका चश्मा नहीं था. जिसके कारण उसने ऑटो चालक को खुद पेमेंट कर लेने के लिए कहा.
सुबह करीब 11 बजे युवक ने 90 हजार कटने का मैसेज देखा तो बैंक को फोन लगाया और मामला पता किया. जिसके बाद बैंक ने बताया कि यह रकम निकाल ली गई है. जिसके बाद उसने बैंक को कुछ निर्देश दिए. अब युवक किसी काम से चंढीगढ़ गया, और 22 मई को मुंबई लौटने पर उसने आरोपी के खिलाफ एफआईआर करवाई. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी खंगाल आरोपी की तलाश कर रही है.