पिता-पुत्र के पहले चाचा-भतीजा भी रह चुके हैं CJI, आने वाले समय में शामिल होगा बाप-बेटी का नाम भी, जानें

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में छह साल से अधिक समय के बाद बुधवार को भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली.

Supreme Court of India
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 09 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • चाचा और भतीजा भी रहे हैं चीफ जस्टिस 
  • पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेटी बनेंगी देश की सुप्रीम जज

जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने आज देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेते हुए कार्यभार संभाला है. पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को रिटायर हो गए. उन्होंने ही अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को चुना था और सरकार को सिफारिश भेजी थी. और आज उन्होंने बतौर चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट की कुर्सी संभाल ली. 

आपको बता दें कि चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रुप में नियुक्त हुए थे. साथ ही, उनके बारे में एक खास बात यह है कि वह भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. यह पहली बार है कि पिता और बेटे, दोनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनें. 

हालांकि, एक ही परिवार में से दो अलग-अलग पीढ़ी के लोगों का चीफ जस्टिस बनना पहली बार नहीं हुआ है. क्योंकि इससे पहले एक ही परिवार से चाचा और भतीजा, अलग-अलग समय पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाल चुके हैं. और आने वाले समय में इस लिस्ट में एक पिता-बेटी की जोड़ी का नाम भी जुड़ जाएगा. 

चाचा और भतीजा भी रहे हैं चीफ जस्टिस 
रंगनाथ मिश्रा भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश थे. जिन्होंने 25 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991 तक सेवा की. वह भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पहले अध्यक्ष भी थे. सालों बाद, रंगनाथ मिश्रा के भतीजे न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश बनें. 

दीपक मिश्रा ने 27 अगस्त, 2017 को पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर के सेवानिवृत्ति के बाद भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था. उनका कार्यकाल 2 अक्टूबर, 2018 को समाप्त हुआ. 

पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेटी बनेंगी देश की सुप्रीम जज
साल 2021 में, सुप्रीम कोर्ट में एक साथ तीन महिला जज ने शपथ ली थी. इनमें से एक थीं जस्टिस बी वी नागरत्ना. वरिष्ठता क्रम के अनुसार नागरत्ना साल 2027 में चीफ जस्टिस बनेंगी. और इसके साथ ही दो नए इतिहास बनेंगे. सबसे बड़ी बात यह कि देश में पहली बार महिला CJI बनेंगी. हालांकि उनका कार्यकाल बहुत कम दिनों का होगा. 

दूसरी अहम बात कि एक परिवार से दो चीफ जस्टिस बनने वालों की लिस्ट में नागरत्ना का नाम भी शामिल हो जाएगा. दरअसल, जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया 1989 में चीफ जस्टिस बने थे. भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब पिता के बाद दूसरी जेनरेशन में बेटी चीफ जस्टिस बनेंगी. 

 

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