राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को नया विकास मॉडल मिलने जा रहा है. 26,000 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रफल में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन का स्वरूप अब जनसंख्या और बसावट के आधार पर तय होगा. इसमें लखनऊ समेत सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली शामिल होंगे.
सर्वे रिपोर्ट पेश, अगले 6 जिलों को जोड़ा गया मॉडल
मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के सामने रीजन प्लान की प्रथम सर्वे रिपोर्ट पेश की गई. इस मौके पर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और कंसल्टेंट मौजूद रहे. कंसल्टिंग इंजीनियर्स की टीम ने बताया कि एक साल में रीजनल प्लान तैयार होगा. इसके बाद अगले 5 सालों में योजनाओं की पहचान कर डीपीआर तैयार की जाएगी और जमीन पर परियोजनाओं का क्रियान्वयन होगा.
एक साल में रीजनल प्लान तैयार होगा
एससीआर के 26 हजार वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में हाई-स्पीड रेल और रोड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जाएगा. लखनऊ और आसपास के जिलों में लोगों का तेज और आसान आवागमन होगा, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को रफ्तार मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हर साल 1.8 करोड़ पर्यटक इस क्षेत्र में आते हैं. इनमें से लखनऊ 46%, बाराबंकी 31%, उन्नाव 14%, सीतापुर 7%, जबकि हरदोई और रायबरेली में 1-1% पर्यटक पहुंचते हैं. कृषि क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं. यहां की उपजाऊ जमीन और खेती को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को नई ऊंचाई दी जा सकती है. मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में अलग-अलग कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएं, ताकि डाटा कलेक्शन में तेजी आए और कार्ययोजना ज्यादा प्रभावी बने.
राजधानी लखनऊ के साथ जुड़ने वाले छह जिलों को मिलाकर यह नया विकास मॉडल तैयार हो रहा है. इसके जरिए न सिर्फ पर्यटन, कृषि और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बेहतर कनेक्टिविटी, रोज़गार के अवसर और समावेशी विकास सुनिश्चित होगा.
अंकित मिश्रा की रिपोर्ट
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