फर्जी फर्मों के जरिए वाराणसी का दवा व्यापारी इस पूरे सिंडिकेट का किंगपिन बताया जा रहा है. कोडीन मिक्स कफ सिरप की सप्लाई के सिंडिकेट को शुभम जायसवाल फर्जी फर्मों के जरिए चला रहा था. गाजियाबाद वाराणसी में गोदाम बनाकर इस कफ सिरप की सप्लाई उत्तर प्रदेश से झारखंड, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश और बिहार से नेपाल तक की जा रही थी. कोडीन मिक्स कफ सिरप के इस जानलेवा धंधे का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड वाराणसी का शुभम जायसवाल और उसका पिता भोला प्रसाद पुलिस की जांच में सामने आए हैं. फिलहाल शुभम जायसवाल पर गाजियाबाद वाराणसी में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. शुभम जायसवाल फरार है. यूपी पुलिस की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भी इसकी तलाश कर रही है.
यूपी में कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई के मामले में आगरा लखनऊ कानपुर जौनपुर में फर्जी फर्म से कफ सिरप सप्लाई की एफआईआर दर्ज हुई है. लेकिन यूपी के तीन जिलों में दर्ज हुई 4 FIR से एक संगठित गिरोह का पता चला है.
ऐसे सामने आया नेटवर्क
दरअसल बीते 18 अक्टूबर को सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज में आबकारी निरीक्षक ने राजस्थान और महाराष्ट्र नंबर के दो कंटेनर पकड़े. कंटेनर में नमकीन और चिप्स के पैकेट की आड़ में कोडिन मिक्स ESKUF cough syrup की 11967 बोतले झारखंड भेजी जा रही थी. ट्रक ड्राइवर और मालिक से पूछताछ की गई तो पता चला उन्हें यह कफ सिरप की खेप शुभम जायसवाल की फर्म पर गाजियाबाद के आसिफ और वसीम के जरिए मिली थी और बरामद माल को गाजियाबाद में बरेली गोरखपुर ट्रांसपोर्ट से लोड हुआ था जिसे गाजियाबाद के ही गोदाम में लोड किया गया है. . सोनभद्र पुलिस ने इस मामले की जानकारी डीजीपी मुख्यालय को दी गई. डीजीपी राजीव कृष्ण ने मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस कमिश्नर को नेटवर्क की जांच करने का आदेश दिया. गाजियाबाद पुलिस ने पडताल शुरू की और 15 दिन की पड़ताल के बाद 4 नवंबर को नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई. क्राइम ब्रांच इंसपेक्टर अनिल कुमार राजपूत की तरफ से दर्ज कराई गई जांच में कुल 17 लोग नामजद किए गए. दर्ज कराई गई एफआईआऱ में भी शुभम जायसवाल नामजद आरोपी है. एफआईआर में कहा गया कि पुलिस की छापेमारी में 3.5करोड की कोडीन युक्त कफ सीरप की शीशियां बरामद हुई थी. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला बरामद हुआ माल वाराणसी के शुभम जायसवाल का है. शुभम जायसवाल की जानकारी जुटाई गई तो पूर्वांचल के एक बडे माफिया का करीबी निकला. मामले की जानकारी डीजीपी मुख्यालय को दी गई और गाजियाबाद पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच तेज कर दी. लेकिन एसआईटी की जांच तेज होते ही एफआईआऱ के नामजद आरोपी आसिफ और शुभम जायसवाल अंडर ग्राऊंड हो गये. गाजियाबाद में एफआईआऱ दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग के इंसपेक्टर ने वाराणसी की कोतवाली में 15 नवंबर को एफआईआर दर्ज करवाई. इस एफआईआऱ में फर्जी नाम पते पर चल रही कुल 28 लोग नामजद किए गये. वाराणसी में ड्रग्स कंट्रोल और पुलिस विभाग ने जांच में पाया कि झारखंड की शैली ट्रेडर्स के जरिए फर्जी बिलिंग कर कफ सीरप की सप्लाई की जा रही थी. जांच में पता चला कि 6 फर्म ऐसी है जो सिर्फ कागजो में ही चल रही थी. जो फर्म का पता मालिक का मोबाइल नंबर था सब फर्जी था. इतना ही सही इस शैली ट्रेडर्स के जरिए ना सिर्फ वाराणसी बल्कि प्रयागराज,लखनऊ, कौशांबी,प्रतापगढ़,सुल्तानपुर,गाजीपुर,सोनभद्र औऱ भदोही में तक झारखंड की इसी शैली ट्रेडर्स के जरिये करोडो की कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई हुई है.
झारखंड के रांची से संचालित हो गई शैली ट्रेडर्स और शुभम जायसवाल कनेक्शन व नेटवर्क
रांची की शैली ट्रेडर्स का मालिक शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद है. भोला प्रसाद की प्रापरइटरशिप है लेकिन कागजी तौर पर वाराणसी से फर्म के नाम पर सप्लाई लेने धंधा करने के लिये कंपीटेंट अथारिटी शुभम जायसवाल है. शुभम जायसवाल ने वाराणसी में अपनी फर्म भी खोल रखी है. न्यू वृद्धि फार्मा के नाम से शुभम जायसवाल कोडीन युक्त कफ सीरप की सप्लाई करता है. सबसे बडी बात शुभम ने न्यू वृद्धि फार्मा के ही पते ही एक मेडिकल स्टोर भी खोल रखा है जिसकी बिक्री दिखाकर कफ सिरप की सप्लाई की जाती है.
इस पूरे मामले में जांच से जुडे एक अफसर की माने तो कोरोना काल से पहले तक शुभम जायसवाल एक मामूली मेडिकल सप्लायर था. कोरोना काल के दौरान शुभम ने पश्चिमी देशो में नशे के लिये बढती प्रतिबंधित दवाओ की डिमांड को ध्यान में रखते हुए पहले बिहार में कोडीन मिक्स कफ सीरप सप्लाई किया. मुनाफा होने लगा तो शुभम ने धँधा बढाने के लिये पूर्वांचल के एक बाहुबली को हाथ पकडा और बाहुबली का छोटा भाई बनकर पूरे प्रदेश में कफ सीरप की फर्जी फर्मो से सप्लाई करने लगा. शुभम जायसवाल अपनी फर्म शैली ट्रे़डर्स के नामपर में हिमांचल प्रदेश की एक फैक्ट्री से कोडीन मिक्स कफ सीरप की सप्लाई लेता. फिर इसे हिमांचल प्रदेश से गाजियाबाद में बनाए गोदाम में माल इकट्ठा करता है. फर्जी फर्मो के कागज तैयार हो जाते तो उनको गाजियाबाद के रास्ते आगरा और फिर लखनऊ वाराणसी तक सप्लाई करवाता. वाराणसी से खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड जाती औऱ जहां से पश्चचिम बंगाल होते हुई बंगल्ादेश और झारखंड से बिहार औऱ नेपाल भेजी जाती. बिहार में शराबबंदी के चलते कोडीन कफ सीरप की सर्वाधिक डिमांड रहती है लिहाजा शुभम फर्जी फर्मो के नाम तक इसकी सप्लाई वाराणसी से भी बिहार करता है।
फिलहाल कोडीन मिक्स कफ सीरप सप्लाई के शुभम जायसवाल नेटवर्क पर अब तक सोनभद्र,गाजियाबाद,वाराणसी और जौनपुर में 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है,जिसमें सोनभद्र को छोड़कर बाकी जिलो में दर्ज हुई सभी 4 एफआईआर में शुभम जायसवाल और शैली ट्रेडर्स का मालिक औऱ शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद भी नामजद है।
इस मामले में जांच कर रही एसआईटी के एक अफसर का कहना है कि शुभम जायसवाल अपने एक अन्य करीबी आरोपी आसिफ के साथ दुबई भाग गया है. इस मामले में जल्द कुछ अन्य बड़े लोगो की गिरफ्तारी की जाएगी.
(-रिपोर्ट संतोष कुमार)