पिछले दिनों अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) ने अपने राष्ट्रीय अधिकारियों और पदाधिकारियों की सूची जारी की. इस लिस्ट में आशीष पटेल का नाम उपाध्यक्ष के तौर पर दूसरे नंबर पर था, तो लिस्ट से चौकना ना लाजमी था. चर्चा चल निकली कि आशीष पटेल को पार्टी में अब नीचे कर दिया गया है. पार्टी में उनका डिमोशन हुआ है. कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष से उन्हें उपाध्यक्ष बना दिया गया है.
आशीष पटेल को डिमोट किया गया है?
यही नहीं, चर्चा यह भी चल निकली कि अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है, और इसी वजह से पार्टी ने उन्हें किनारे लगाने की शुरुआत कर दी गई है. खैर इन तमाम चर्चाओं के बीच आशीष पटेल एक बार फिर सरकार पर हमलावर भी दिखे और कहा कि उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश हो रही है और उसके लिए बाकायदा 1700 करोड़ का फंड भी रखा गया है और एक मंत्री को भी लगाया गया है. इन तमाम बातों के बीच अब आशीष पटेल के डिमोट होने की चर्चा थोड़ी थम सी गई है, क्योंकि आशीष पटेल एक बार फिर अपने फार्म में दिखाई दे रहे हैं और सरकार पर हमले भी कर रहे हैं. उस सरकार पर, जिसमें वो मंत्री हैं.
कार्यकर्ताओं को संदेश-
अनुप्रिया पटेल के करीबी सूत्रों की माने तो यह डिमोशन सिर्फ कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए संतुष्ट करने के लिए है कि उनका भी ख्याल पार्टी में पहले की तरह ही रखा जाता है. आशीष पटेल भी कार्यकर्ताओं से ऊपर नहीं है और उन्हें भी पद के लिहाज से ऊपर नीचे किया जा सकता है. यही नहीं, आशीष पटेल के ऊपर राम बदल तिवारी का नाम है, जो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. राम बदल तिवारी डॉक्टर सोनेलाल पटेल के वक्त से ही पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता नेता रहे हैं. इसलिए उन्हें आशीष पटेल के ऊपर जगह दी गई है. इससे यह भी संदेश दिया गया है कि अपना दल (एस) में परिवार और पति से ज्यादा पुराने कार्यकर्ताओं की जगह है.
डिमोशन नहीं, पार्टी बचाने की रणनीति- सूत्र
कार्यकारी अध्यक्ष से उपाध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी के नेता कहते हैं कि कार्यकारी अध्यक्ष जैसा पद पार्टी में था ही नहीं, ये तो मीडिया का क्रिएट किया हुआ पद था, जो उनके नाम से चला आ रहा था. पार्टी के शीर्षस्थ सूत्र कहते हैं कि आशीष पटेल पार्टी में डिमोट नहीं हुए, ये पार्टी को बचाने की रणनीति है. इसे अंग्रेजी में Strategic Retreat भी कहते हैं.
अनुप्रिया पटेल के करीबी सूत्रों के मताबिक पार्टी के भीतर एक बड़ा वर्ग आशीष पटेल को लेकर लगातार हमलावर बना हआ है. कई बार पार्टी तोड़ने की कोशिश भी हो चुकी है, ऐसे में आशीष पटेल को थोड़ा पीछे रखकर ये बताने की कोशिश है कि पार्टी आज भी समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं के ही हाथ में है, ना कि परिवार के. हालांकि माना यह जा रहा है कि बेशक आशीष पटेल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन पार्टी में उनकी हनक काम नहीं हुई है और पहले की तरह पार्टी को चलाने में मुख्य भूमिका उन्हीं की है, यानी हाथी के खाने के दांत और दिखाने के दांत और हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल दोनों हमले कर रहे हैं, अनुप्रिया पटेल ने तो अपने कार्यकर्ताओं को ज़मीन पर संघर्ष को तैयार रहने को कहा है.
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