उत्तर प्रदेश में एनडीए के एक सहयोगी दल निषाद पार्टी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 10वां स्थापना दिवस मनाया. पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन और स्थापना दिवस में जुटे नेताओं ने साफ संदेश दिया. निषाद पार्टी के इस अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और अपना दल (एस) के लीडर और यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल भी शामिल हुए. इस जुटान में इन नेताओं ने अपने संदेश साफ कर दिया.
दिल्ली में कार्यक्रम का मकसद?
इस स्थापना दिवस के अधिवेशन में यूपी एनडीए के सभी सहयोगियों ने शिरकत की. लेकिन बीजेपी का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था. संजय निषाद, ओमप्रकाश राजभर और आशीष पटेल निषाद पार्टी के सम्मेलन में मौजूद रहे. दरअसल बीजेपी के सहयोगी दलों और पिछड़े नेताओं की एकजुटता दिखाने के लिए इस अधिवेशन को दिल्ली में किया गया, ताकि बीजेपी के शीर्ष नेताओं तक सीधा संदेश भेजा जाए.
इस बैठक में पिछड़े नेताओं ने पिछड़ों के हक का मुद्दा उठाया. जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाया और साथ-साथ आगामी पंचायत चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भी यह अधिवेशन अहम रहा.
क्या चाहते हैं सहयोगी दल?
निषाद पार्टी के इस अधिवेशन में बिहार चुनाव में गठबंधन में शामिल होने की बात कही गई. ओमप्रकाश राजभर तो लगातार बिहार में चुनाव लड़ भी रहे हैं और पहली मांग एनडीए से है कि उन्हें भी गठबंधन में जगह मिले, हालांकि निषाद पार्टी ने भी साफ कर दिया है कि वह बिहार में चुनाव लड़ेगी और अकेले भी चुनाव में उतर सकती है. यही बात ओमप्रकाश राजभर ने भी कही है.
BJP शीर्ष नेतृत्व को संदेश-
बीजेपी के सहयोगी दलों के जुटान ने 2027 में चुनाव के पहले पंचायत चुनाव में अपनी ताकत साझा करने का एहसास दिखा दिया है. माना जा रहा है कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. उसके पहले बीजेपी के सहयोगी दलों के बड़े नेताओं का एक मंच पर आना बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को संदेश है.
हालांकि सभी नेताओं ने एनडीए को मजबूत करने, बीजेपी के नेतृत्व में काम करने की अपनी मंशा को बार-बार प्रदर्शित किया और मंच से भी कहा. लेकिन यह माना जा रहा है कि अपना दल (एस), निषाद पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी मिलकर एक प्रेशर ग्रुप बना सकते हैं.
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