कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ भारतीय सेना का बड़ा अभियान जारी है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारतीय सेना ने 13 मई को जम्मू-कश्मीर में 'ऑपरेशन केलर' लॉन्च किया है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर के शोपियां इलाके में आतंकियों को ढूंढकर एनकाउंटर किया जा रहा है. सेना ने इस अभियान के तहत अब तक तीन आतंकी मार गिराए हैं.
पहलगाम आतंकी हमले में 26 बेकसूर लोगों ने अपनी जान गवा दी थी. भारत ने जवाबी एक्शन लेते हुए 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. अब उसी रणनीति के तहत सेना ने घाटी के अंदर भी आतंकी नेटवर्क को साफ करने का अभियान तेज कर दिया है.
ऑपरेशन ऐसे शुरू हुआ
सेना को 44 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट से जानकारी मिली थी कि कश्मीर के केलर एरिया में कुछ आतंकी छिपे हैं. इस इनपुट पर सेना ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी. ऑपरेशन की शुरुआत कुलगाम जिले से हुई थी, जहां मुठभेड़ शुरू होते ही आतंकी भागकर शोपियां के जंगल में जा छिपे. सेना ने उनका पीछा करते हुए पूरे इलाके की घेराबंदी की और सर्च ऑपरेशन चलाया. करीब 6 घंटे तक फायरिंग चली, जिसमें तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा.
मारे गए आतंकियों में पहला शाहिद कुट्टे था जोकि शोपियां के हीरपोरा गांव का रहने वाला था. शाहिद 2023 में लश्कर से जुड़ा. अप्रैल 2024 में उसने डेनिश रिसॉर्ट पर हमला किया था, जिसमें दो जर्मन टूरिस्ट घायल हुए थे. 18 मई 2024 को बीजेपी सरपंच की हत्या और 3 फरवरी 2025 को टेरिटोरियल आर्मी जवान की हत्या में शामिल था.
दूसरा था अदनान शफी डार जोकि अक्टूबर 2024 में लश्कर में शामिल हुआ था. तीसरा हैरिस नजीर था जोकि पुलवामा का रहने वाला था. डेनिश रिसॉर्ट हमले से जुड़ा था.
मौके से 3 AK-47 राइफलें, भारी मात्रा में गोलियां और अन्य हथियार बरामद हुए हैं. इससे साफ है कि ये आतंकी घाटी में किसी बड़े हमले की तैयारी में थे. इन आतंकियों के पोस्टर ‘टेरर-फ्री कश्मीर’ अभियान के तहत घाटी में चिपकाए जा रहे हैं.
क्यों नाम रखा गया ऑपरेशन केलर
ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के ‘शोकल केलर’ गांव में हुआ इसलिए इसे केलर ऑपरेशन नाम दिया गया. ये गांव शोपियां के केलर ब्लॉक में आता है. ये शोपियां कस्बे से 12.5 किमी और श्रीनगर से 47 किमी. दूर है. ये इलाका घने जंगलों से घिरा है, इस इलाके से अक्सर आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रहती हैं. इस गांव में Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana के तहत पहली बार बिजली 2020 में आई. ये गांव बहुत ज्यादा डेवलेप नहीं है. लेकिन खूबसूरत वादियों, घने जंगलों की वजह से यहां फिल्मों की शूटिंग होती रहती है.
जंगल इतने घने हैं कि 100 मीटर देखना भी नामुमकिन
केलर का इलाका शोपियां और कुलगाम जिलों की सरहद पर बसा हुआ है, जो कश्मीर का सबसे घना और दुर्गम जंगल माना जाता है. यहां ऊंचे-ऊंचे देवदार, चीड़ के पेड़ इतने घने हैं कि धूप तक नीचे नहीं पहुंचती. इसी कारण, वहां थोड़ी सी भी हरकत को देख पाना आसान नहीं होता. इस इलाके की सबसे बड़ी खासियत यही है कि अगर कोई व्यक्ति महज 100 मीटर की दूरी पर भी खड़ा हो, तो उसे देख पाना लगभग नामुमकिन होता है. एक-एक मीटर का सर्च करने में कई घंटे लग जाते हैं. इसलिए यह इलाका आतंकियों के छिपने और मूवमेंट के लिए बेस्ट होता है.
प्रधानमंत्री मोदी और सेना ने कहा है कि अब पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. 12 मई की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संदेश दिया, जिसमें उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है.'