Alwar: जब किसान को नहीं मिला सही दाम, तो कर दी खड़ी फसल बर्बाद.. दाम से नहीं निकल रही लागत

अलवर के बंबोरा गांव के किसानों ने करीब 1.50 बीघा में खड़ी प्याज की फसल को ट्रैक्टर चला कर फसल को नष्ट कर दिया और गेहूं की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है.

gnttv.com
  • अलवर,
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

अलवर प्याज मंडी में गिरते प्याज के भाव से किसान बेहद परेशान हैं. प्याज की कम कीमतों के कारण किसानों को फसल की लागत निकालने में भी मुश्किल हो रही है. ऐसे में अलवर के बंबोरा गांव के किसानों ने करीब 1.50 बीघा में खड़ी प्याज की फसल को ट्रैक्टर चला कर फसल को नष्ट कर दिया और गेहूं की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में किसान को लाखों का नुकसान हुआ है.

दाम में नहीं निकल रही लागत
अलवर देश में नासिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्याज की मंडी है. अलवर से प्याज देश-विदेश में सप्लाई होता है. बीते सालों में किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिल रहे थे. इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों ने प्याज की फसल की बुवाई की. लेकिन इस साल किसानों को प्यार के दाम नहीं मिल रहे हैं. 

मंडी में प्याज 2 से 6 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसान की फसल का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. किसानों ने बताया कि एक बीघा फसल की बुवाई में 40 से 50 हजार रुपए का खर्चा आता है. किसान कर्ज लेकर फसल उगाता है और फसल बेचने के बाद अपना कर्जा चुकता है व बच्चों की शादी करता है. लेकिन इस बार किसान के हालात खराब है.

खड़ी फसल को काटने के बजाए जोता खेत
किसानों का कहना है कि वर्तमान में प्याज के दाम इतने कम हैं कि खर्च भी नहीं निकल पा रहा. मजदूरों की दिहाड़ी, बीज, जुताई, निराई-गुड़ाई और दवाइयों का खर्च मिलाकर एक बीघा में करीब 70 से 80 हजार रुपये तक का खर्च आता है. लेकिन बाजार में प्याज के दाम 20 से 40 किलो के कट्टे के मात्र 100 से 150 रुपए तक ही मिल रहे हैं. 

किसान टीटू सैनी ने बताया कि अभी के भाव में न तो लागत निकल रही है और न ही मजदूरों की कटाई की मजदूरी, जो 8000 से 10,000 रुपए तक होती है. इसलिए मजबूरन किसानों ने फसल को काटने की बजाय खेत जोतने का फैसला लिया. किसानों ने सरकार से मांग की है कि प्याज का भाव इतना रखा जाए कि कम से कम लागत पूरी हो सके और प्याज को कृषि जिंसों की सूची में शामिल किया जाए.

- हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट

 

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