राजस्थान के कई इलाकों में 15 मिनट के भीतर भूकंप के 3 झटके महसूस किए गए. जयपुर में 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी की वेबसाइट के मुताबिक पहला भूकंप सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर आया. जबकि दूसरी बार धरती 4 बजकर 23 मिनट पर हिली. तीसरी बार 4 बजकर 25 मिनट पर भूकंप आया. भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल गए. हालांकि भूकंप से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है. राजस्थान के लोगों के लिए राहत की बात ये है कि ये इलाका भूकंप के सबसे कम खतरे वाले जोन में पड़ता है.
राजस्थान में भूकंप का सबसे कम खतरा-
राजस्थान में भूकंप आने का सबसे कम खतरा होता है. क्योंकि ये राज्य जोन 1 और जोन 2 में पड़ता है. इसका मतलब है कि ये इलाका भूकंप के लिहाज से सबसे सुरक्षित है. राजस्थान की राजधानी जयपुर जोन 2 में आता है, जो भूकंप के लिहाज से सबसे सुरक्षित है. इसके अलावा सूबे के अजमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर जैसे शहर जोन 1 और जोन 2 में आते हैं. इसलिए पूरा राज्य ही सेफ जोन में है.
भूकंप के लिहाज से 5 जोन में बंटा है भारत-
भूकंप के खतरे के हिसाब से भारत को 5 जोन में बांटा गया है. भूकंप से सबसे ज्यादा खतरा जोन 5 के इलाके में होता है. जबकि सबसे कम खतरा जोन 1 और जोन 2 में होता है. सबसे खतरनाक जोन में भारत का 11 फीसदी इलाका आता है. जबकि चौथे जोन में 18 फीसदी हिस्सा आता है. दूसरे और तीसरे जोन में 30 फीसदी इलाका आता है.
देश का सबसे सुरक्षित इलाका-
जोन 1 में भूकंप का सबसे कम खतरा माना जाता है. ये इलाका पूरी तरह से सुरक्षित होता है. इसमें भूकंप आने की आशंका सबसे कम होती है. इस जोन में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी महाराष्ट्र और ओडिशा के इलाके आते हैं. आपको बता दें कि भारत में जोन 1 को भूकंप के जोन के तौर पर नहीं माना जाता है. भारत में भूकंप के जोन 2 को सबसे कम खतरे वाला माना जाता है. इसमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान के इलाके आते हैं.
भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक इलाके-
भारत में भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक इलाके गुजरात का कच्छ, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के हिस्से हैं. ये इलाके जोन 5 में आते हैं. जबकि राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन 4 में आती है. इसके अलावा मुंबई, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाके इस जोन में आते हैं.
ये भी पढ़ें: