अब सड़कों और हाइवे की जानकारी मिलेगी एक क्यूआर कोड से.. निर्माण कार्य के चरणों की वीडियो डालनी होगी यूट्यूब पर, गडकरी का आदेेश

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राजमार्गों के बिल्डरों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया पर अपने चैनल बनाएं और परियोजनाओं की प्रगति से जुड़ी जानकारी नियमित रूप से साझा करें.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST

देश में सड़क निर्माण परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अभिनव कदम उठाया है. मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राजमार्गों के बिल्डरों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया पर अपने चैनल बनाएं और परियोजनाओं की प्रगति से जुड़ी जानकारी नियमित रूप से साझा करें.

अब सभी बिल्डरों को अपने-अपने यूट्यूब चैनल बनाकर निर्माण कार्य के हर चरण का वीडियो अपलोड करना अनिवार्य होगा. इससे लोग सड़क निर्माण की स्थिति को वास्तविक रूप में देख सकेंगे और परियोजनाओं की निगरानी आसान हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सड़क निर्माण की हर प्रक्रिया पारदर्शी हो. निर्माण में स्वामित्व, ईमानदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण जरूरी है. सड़कें अच्छी बनें और अच्छी ही रहें.

राजमार्गों पर लगेंगे क्यूआर कोड वाले होर्डिंग
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर क्यूआर कोड वाले होर्डिंग लगाए जाएंगे. यात्री इन क्यूआर कोड को स्कैन करके ठेकेदार, सलाहकार और सड़क साफ करने वाले अधिकारियों की जानकारी देख सकेंगे. अगर किसी सड़क की हालत खराब है, तो लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सीधे शिकायत कर सकेंगे. यह व्यवस्था जनभागीदारी और निगरानी को और मजबूत करेगी.

नितिन गडकरी ने कहा कि अगर यात्री टोल टैक्स दे रहे हैं, तो उन्हें बेहतर और सुरक्षित सड़कों का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मौसम या बारिश सड़कें खराब होने का बहाना नहीं हो सकता. अगर सड़क खराब है, तो उसे तुरंत ठीक कराया जाए. लागत बढ़ेगी तो बढ़े, लेकिन गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा.

नियमित ऑडिट से बढ़ेगी जवाबदेही
मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं में डिजाइन और रखरखाव की खामियों की पहचान के लिए नियमित ऑडिट किया जाएगा. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि अच्छे कार्यों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. जब ऑडिट नियमित होते हैं, तो पारदर्शिता बढ़ती है और बहाने कम होते हैं. हमें इसी दिशा में काम करना है.

सीआईआई के एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने बताया कि सरकार वीडियो अपलोडिंग को प्रोजेक्ट अनुबंध दस्तावेजों का हिस्सा बनाने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कई बार स्वतंत्र यूट्यूबर्स द्वारा अपलोड किए गए वीडियो से भी मंत्रालय को परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी मिलती है. अधिकारियों के मुताबिक, ठेकेदार पहले से ही ड्रोन से निर्माण कार्य के वीडियो रिकॉर्ड करते हैं, इसलिए उन्हें सार्वजनिक करना कोई मुश्किल काम नहीं होगा.

 

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