अयोध्या नगरी में भक्तों का आगमन निरंतर जारी है और गंगा दशहरा के दिन राम दरबार सध्वज के तैयार हो गया है. शास्त्रों में अयोध्या को भगवान का हृदय बताया गया है, जो सुदर्शन चक्र पर विराजमान है. कहा गया है कि "जा के उनके अस्मरण से हमारे अंदर के जो शत्रु है वो नष्ट हो जाते हैं."