दिल्ली में कृत्रिम बारिश के ट्रायल की तैयारी चल रही है. पहले यह ट्रायल चार से ग्यारह जुलाई के बीच होना था, लेकिन मानसून आने के कारण इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया है. अब दिल्ली में कृत्रिम बारिश का ट्रायल अगस्त-सितंबर महीने में किया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करना है, खासकर सर्दियों के मौसम में जब प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. कृत्रिम बारिश के जरिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा. यह पहली बार है जब दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए आर्टिफिशियल रेन का सहारा लिया जा रहा है. क्लाउड सीडिंग के माध्यम से यह पूरी प्रक्रिया की जाएगी. आईआईटी कानपुर की टीम इस परियोजना का हिस्सा है, जिसने दिल्ली सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. पहले चरण में लगभग सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा, जिसमें उत्तरी दिल्ली के कुछ हिस्से, गाजियाबाद और बागपत के पावी सांकपुर जैसे क्षेत्र शामिल हैं. हिंडन एयरबेस से विमान उड़ान भरेंगे और क्लाउड सीडिंग करेंगे. केंद्रीय दिल्ली को फिलहाल सुरक्षा कारणों और कम उड़ान जोखिम वाले क्षेत्रों के कारण इसमें शामिल नहीं किया गया है. इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए विभिन्न एजेंसियों से समन्वय और डीजीसीए की अनुमति ली गई है. यह पहला चरण है जिसके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी.