प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. सोम प्रदोष के दिन उपवास रखने वालों के लिए संध्या और रात्रि की पूजा महत्वपूर्ण होती है. इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और धन की कमी समाप्त होती है. रोग दूर होते हैं और विवाह की बाधाएं भी समाप्त होती हैं. ज्योतिषियों के अनुसार, प्रदोष का समय सप्ताह के जिस दिन भी पड़ता है, उस दिन की महिमा बढ़ जाती है और उसी के अनुसार फल की प्राप्ति होती है. सोमवार को प्रदोष पड़ने पर भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं, जिससे समस्त बाधाएं दूर होती हैं, संतान और लंबी आयु की प्राप्ति होती है. यह व्रत सभी प्रकार के अमंगलों का नाश करता है. रविवार को प्रदोष आयु वृद्धि और अच्छी सेहत देता है, मंगलवार को रोगों से मुक्ति, बुधवार को सभी कामनाओं की पूर्ति, गुरुवार को शत्रु शांत होते हैं, शुक्रवार को सौभाग्य और पारिवारिक सुख मिलता है, और शनिवार को संतान सुख की प्राप्ति होती है.