झारखंड के देवघर जिले में मोहनपुर प्रखंड का महरा गांव फूलों की खेती के लिए एक अनूठी मिसाल बन चुका है. यह गांव अपनी धार्मिक आस्था के साथ-साथ फूलों की खेती से आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है. करीब 3000 की आबादी वाला यह गांव पूरी तरह से गेंदे की खेती पर निर्भर है. यहां के खेतों में दूर-दूर तक सिर्फ गेंदे के फूल नजर आते हैं. गांव के हर घर में कोई ना कोई किसान है और हर किसान की कमाई का जरिया सिर्फ फूल है. किसानों का कहना है कि वे परंपरागत रूप से फूलों की खेती करते आ रहे हैं.