उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नाबालिगों से होने वाले सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. उत्तर प्रदेश में अब नाबालिगों के टू-व्हीलर या कार चलाने पर उनके माता-पिता या वाहन मालिक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. नाबालिगों को गाड़ी चलाने के लिए देने पर वाहन मालिक को तीन साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. यही नहीं, नाबालिग अगर गाड़ी चलाते पकड़ा गया तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल की उम्र के बाद ही बनेगा. राज्य के सेकंडरी एजुकेशन डायरेक्टर की ओर से सभी जिलों के स्कूल इंस्पेक्टर्स को लेटर जारी किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का आदेश भी शामिल है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेश के मुताबिक, सभी डिविजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स और असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर्स को कहा गया है कि वे नाबालिगों के गाड़ी चलाने से होने वाले हादसों को रोकने के सख्ती दिखाएं. लेटर में कहा गया है कि अगर कोई नाबालिग लड़के या लड़की से गाड़ी चलाते समय हादसा होता है तो ऐसे मामलों में केवल उसके माता-पिता या वाहन मालिक को ही दोषी माना जाएगा और उन्हें सजा मिलेगी. सजा के तौर पर माता-पिता या वाहन मालिक को तीन साल की कैद और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.
The Yogi government of Uttar Pradesh has taken a big step to curb road accidents involving minors. Now in Uttar Pradesh, strict action will be taken against the parents or vehicle owner of minors if they drive a two-wheeler or car. For allowing minors to drive, the vehicle owner will be sentenced to three years' imprisonment and a fine of Rs 25,000. Not only this, if a minor is caught driving then his driving license will also be issued only after the age of 25 years. A letter has been issued by the Secondary Education Director of the state to the school inspectors of all the districts, which also includes the order of the Transport Commissioner.