भारतीय सेना 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की साठवीं विजयोत्सव मना रही है. इस अवसर पर भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने चंडी मंदिर में एक विशेष विजय उत्सव का आयोजन किया. इस आयोजन में सेना के हथियारों और सैन्य तकनीकों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें आम नागरिकों, बच्चों और युवाओं को भाग लेने का अवसर मिला. सैनिकों ने बच्चों और युवाओं को बंदूक चलाना, निशाना लगाना और दुश्मन से मुकाबले की बारीकियां सिखाईं. उन्हें यह भी बताया गया कि सेना सरहद पर दुश्मनों से कैसे लड़ती है और उनके मंसूबों पर नजर रखती है. बच्चों ने पूरे जोश के साथ इस प्रशिक्षण में हिस्सा लिया. सैनिकों ने एलएमजी, रॉकेट लॉन्चर और अन्य बम गोले वाले हथियारों की जानकारी भी दी. साथ ही, बॉर्डर पर चौकसी की ट्रेनिंग भी कराई गई. इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को सेना के करीब लाना और उनमें राष्ट्रभक्ति व सुरक्षा के प्रति भावना बढ़ाना है. 1965 की इस ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है.