आज हम जिस राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को देखते हैं, उसका इतिहास बेहद खास है. हमारे राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप बदलावों की एक लंबी कड़ी से गुजरकर संभव हो पाया है. करीब एक शताब्दी के दौरान हमारे झंडे के स्वरूप को छह बार बदला गया. सबसे पहले, 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौक में भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था. यह झंडा हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियों वाला था जिसमें कई प्रतीक दर्शाए गए थे. 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी से कुछ दिन पहले, 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में भारत के राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया. इसके बाद इसे 26 जनवरी 1950 को संप्रभु गणतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में भी अपनाया गया.