भारत में खेती में श्रम शक्ति की बहुत अधिक जरूरत होती है. खेती के लिए हर छोटी सी छोटी बात पर मजदूर को लगाना पड़ता है. चाहे खेती की जुताई हो या फिर फसलों की बुवाई. अकोला के राजू वरोकर और उनके परिवार ने 'GPS कनेक्ट' करके बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर से सोयाबीन बुवाई कर रहे है. वरोकर परिवार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में पहली बार जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.