रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है और इस खास मौके के लिए मथुरा जेल में बंद महिला कैदी सूखे फूल और बीज से राखियां तैयार कर रही हैं. इन राखियों का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है. इन राखियों में विभिन्न प्रकार के बीजों का इस्तेमाल किया गया है, ताकि त्यौहार के बाद इन्हें बोया जा सके और वे हरे-भरे पौधे का रूप ले सकें. एक अधिकारी ने बताया, "तो यदि आप राखी को इस्तेमाल करते हैं तो उसके बाद उसे पौधे में रखेंगे. उसमें फल, सब्जियों ये भी पैदा हो सकती हैं" यह पहल महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का कौशल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. खजाने वेलफेयर सोसाइटी नामक संस्था इन महिला कैदियों को राखी बनाने का प्रशिक्षण दे रही है. शहर में इन राखियों के स्टॉल लगाए जाएंगे और बिक्री से होने वाला लाभ महिला कैदियों में वितरित किया जाएगा. यह प्रयास कारागार में हो रहे सकारात्मक कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है.