आमतौर पर भारत में चार पहिया वाहनों में सफर करने वाले लोगों का मानना है कि अगली सीटों पर बैठने वाले लोगों को ही ज्यादा खतरा होता है. ऐसे में उनके लिए ही सीट बेल्ट की ज्यादा जरूरत है. लेकिन साइरस मिस्त्री के साथ हुए इस हादसे ने साफ कर दिया है कि पीछे बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट उतनी ही जरूरी है. जितना आगे वालों के लिए ताकि अगर गाड़ी टकराए तो सीट बेल्ट लगे होने की वजह से वक्त उसके एयरबैग खुल जाएं और पैसेंजर की जान बच सके.
It has been proved from all the crash tests conducted around the world that even for the passenger sitting in the back seat, it is necessary to take off the seat belt. As much as it is necessary for the people sitting in the front seat to wear a seat belt.