सावन के महीने में प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियाँ उफान पर हैं. गंगा की लहरों ने संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी का अभिषेक किया. इसे एक शुभ संकेत माना जाता है. गंगा का जल जैसे ही मंदिर परिसर में प्रवेश किया, जय श्रीराम और बजरंगबली के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा. साधु-संतों और मंदिर के पुजारियों ने माँ गंगा की स्तुति की और दूध, फूल तथा पंचामृत से उनका पूजन किया.