यमुना में आई बाढ़ से मथुरा और वृंदावन के निचले इलाके प्रभावित हुए हैं. लोगों के घर, मकान, मंदिर और खेत खलियान पानी में डूब गए हैं. इस कठिन समय में प्रेमानंद महाराज अपने आश्रम से बाहर निकले और बाहर की स्थिति को समझा. उन्होंने अपने शिष्यों के साथ स्टीमर पर बैठकर बाढ़ के हालात का जायजा लिया. यह कदम इसलिए भी खास है क्योंकि वे आमतौर पर अपने आश्रम से बाहर नहीं निकलते हैं. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में सभी को धैर्य और साहस के साथ काम लेना चाहिए. प्रेमानंद महाराज ने आश्रम की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की है. जिला प्रशासन भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचा रहा है.