पंजाब में भीषण बाढ़ के कारण 23 जिलों के लगभग 1700 गांव प्रभावित हैं. रावी नदी का पानी लोगों के घरों और खेतों तक पहुंच गया है. इस मुश्किल घड़ी में राहत और बचाव एजेंसियां पूरी ताकत से काम कर रही हैं. सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय लोग और सामाजिक संस्थाएं भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई हैं. बीमार बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को नावों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जबकि राहत सामग्री और मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं. सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सेना भी बचाव कार्यों में जुटी है. "युद्धस्तर पर चल रही रेस्क्यू ऑपरेशन की बदौलत ही अब तक सैकड़ों जिंदगियां बचाई जा चुकी हैं" बचाए गए लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है जहां उनके खाने-पीने और इलाज का इंतजाम किया गया है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भी टूटे हुए रास्तों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. मौसम विभाग ने नॉर्थ वेस्ट इंडिया के राज्यों, जिनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं, के लिए अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना कम बताई है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में आसानी होगी.