देश के पहले गांव माणा में 12 वर्षों के बाद पुष्कर कुंभ का शुभारंभ हो चुका है, जहाँ श्रद्धालु सरस्वती नदी के तट पर स्नान और ध्यान कर रहे हैं. "यहाँ पर सिर्फ 500 मीटर के दायरे में ही सरस्वती नदी दिखाई देती है". जिसके बाद यह विलुप्त हो जाती है और प्रयागराज में पुनः प्रकट होती है. दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान करने पहुँच रहे हैं.