राजस्थान हाईकोर्ट ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने राज्य के सभी नगर निगमों और हाईवे अथॉरिटी को सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में जानवरों के लिए बने शेल्टर और गौशाला की हालत में सुधार करने को कहा है. कोर्ट ने शहरों में आवारा कुत्तों समेत दूसरे जानवरों के हमले बढ़ने की घटनाओं को देखते हुए यह आदेश दिया है. आवारा पशुओं के सड़कों पर घूमने से राज्य की छवि भी खराब होती है. कोर्ट ने सड़क परिवहन मंत्रालय, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नगर निगमों से दो सप्ताह में सुझाव मांगे हैं. कोर्ट ने डॉग शेल्टर और गौशालाओं को लेकर रिपोर्ट भी मांगी है. कोर्ट ने आवारा पशुओं को हटाने के लिए उपलब्ध कर्मचारी, डॉक्टर्स, शेल्टर स्टाफ की संख्या की भी मांग की है. कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में बाधा पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कहा है कि हम जानवरों के प्रति लोगों का प्रेम और धार्मिक आस्था को समझते हैं. कोर्ट ने कहा कि जो लोग पशुओं की देखभाल करना चाहते हैं, उन्हें खाना खिलाना चाहते हैं, वे यह काम डॉग शेल्टर्स और गौशाला में जाकर भी कर सकते हैं. इस मुद्दे पर एआई चैटबॉक्स से भी राय ली गई.