सावन के दूसरे सोमवार को देश भर में शिवभक्ति का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला. इस दिन कामिका एकादशी का शुभ संयोग भी था, जिसके कारण लाखों की संख्या में भगवान शंकर के भक्त दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े. मध्य प्रदेश में भव्य और विशाल कांवड़ यात्राएं निकाली गईं. जबलपुर में नर्मदा तट से शुरू हुई संस्कार कांवड़ यात्रा में करीब 1,00,000 लोग शामिल हुए. यह यात्रा 35 किलोमीटर लंबी थी और इसका यह पंद्रहवां साल था. इस यात्रा की खास बात यह है कि हर श्रद्धालु नर्मदा जल के साथ एक पौधा भी लेकर चलता है, जिसे कैलाश धाम की पहाड़ियों में रोपा जाता है. संस्कार कांवड़ यात्रा का नाम गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. आगर मालवा में 10,000 से ज्यादा महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में कलश यात्रा निकाली. उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन देने के लिए तय समय से पहले ही गर्भगृह के कपाट खोल दिए.