शिरडी के साईं धाम में साईं चरित्र के सामूहिक पाठ का समापन हुआ. सावन के पावन महीने में आयोजित इस कार्यक्रम के बाद एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इसमें हजारों श्रद्धालु नाचते-झूमते हुए साईं बाबा के जयकारे लगा रहे थे. सभी के सिर पर साईं चरित्र की पोथी बंधी थी. 1995 में 74 भक्तों के साथ शुरू हुआ यह सामूहिक पाठ का सिलसिला 31 वर्षों में व्यापक हो चुका है. इस बार 7300 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए. एक भक्त ने कहा, "बाबा की ये मेरे पर करुणा है. के मुझे अपने जीवन में अगर कोई उत्सव, कोई महोत्सव सबसे बड़ा नजर आता है तो सिर्फ और सिर्फ साई परायाण है." भक्तों का मानना है कि बाबा का पारायण करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और केरल से आए लोक कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया.