संथाल आदिवासियों के इस सबसे बड़े त्योहार को लेकर झारखंड के गोड्डा में उत्सव का माहौल अपने चरम पर है. मांदर, झाल जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाते हुए सब जमकर थिरक रहे हैं. शहर से लेकर गांव तक गीत-संगीत और नृत्य से गुलजार हैं. हर तरफ सोहराय त्योहार की धूम मची हुई है. संथाल आदिवासी इसे पूरे जोश खरोश के साथ मनाते हैं. इस त्योहार की सबसे बड़ी खासियत प्रकृति और परिवार के साथ रिश्ता है. 5 दिनों का ये त्योहार मकर संक्रांति तक मनाया जाता है.
Sohrai festival is celebrated in Jharkhand. Santhal tribals celebrate it with full enthusiasm. The biggest feature of this festival is the relationship with nature and family. This festival of 5 days is celebrated till Makar Sankranti. Watch this special report.