आज की ये खबर गानों में जातियों के गुणगान से जुड़ी है. जिसकी वजह से तनातनी और टकराव की नौबत है. पिछले कुछ वर्षोें में खासतौर पर पश्चिमी यूपी में ऐसे गानों का चलन बढा है, जिनमें अपनी-अपनी जातियों का बखान किया जाता है. सोशल मीडिया के दौर में ज्यादा व्यूज के लिए भी ऐसे गाने बनाए जा रहे हैं. ऐसे हर गाने में किसी एक जाति को सबसे बेहतर बताया जाता है. जब ये गाने सार्वजनिक जगहों पर सुनाए जाते हैं तो कई बार तनाव की स्थिति बन जाती है. सबसे बड़ी बात कि ऐसे गानों से समाज में दरार आती है. इसलिए जरूरी है कि जाति का बखान करने वालों गानों को लेकर सावधानी वाला हॉर्न बजाया जाए.