Nepal Plane Crash: नेपाल में पहले भी व‍िमान हादसे में जा चुकी है कई जान, जानें क्यों होती हैं यहां दुर्घटनाएं ?

नेपाल में पहले भी कई बार प्लेन दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. इसमें कई लोगों की जान जा चुकी है.29 मई 2022 को तारा एयरलाइन का विमान क्रैश हुआ था. इसमें 22 लोगों की जान चली गई थी.

नेपाल में विमान हादसे के बाद जुटे लोग. (फोटो रॉयटर्स)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रनवे पर 72 सीटों वाला यात्री विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त
  • 29 मई 2022 को तारा एयरलाइन का विमान क्रैश हुआ था

नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रनवे पर 72 सीटों वाला यात्री विमान 15 जनवरी 2023 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें कई लोगों के मरने की सूचना है. दुर्घटना के बाद एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है. ऐसा व‍िमान हादसा नेपाल में कोई पहली बार नहीं, इससे पहले भी नेपाल में कई बड़े व‍िमान हादसे हो चुके हैं.

2022 में 22 लोगों की मौत 
29 मई 2022 को तारा एयरलाइन का विमान क्रैश हुआ. इस दुर्घटना में चार भारतीयों समेत सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी. पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरने वाले तारा एयरलाइंस के विमान 9 NAET का संपर्क टूट गया था.

2018 में 51 लोगों की मौत 
साल 2018 में 12 मार्च को यूएस-बांग्ला एयरलाइंस, काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में करीब 51 लोगों की मौत हुई थी. जांच में सामने आया था क‍ि कॉकप‍िट में बैठकर पायलट स‍िगरेट पी रहा था, ज‍िसके कारण यह भयानक हादसा हुआ.

2016 में 23 की गई जान
24 फरवरी 2016 को तारा एयर फ्लाइट 193 क्रैश हो गया था. विमान पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान जा रहा था. टेकऑफ के आठ मिनट बाद विमान लापता हो गया था. इसके बाद विमान का मलबा दाना गांव के पास पाया गया. विमान में सवार 23 लोगों की मौत हो गई थी.
 
2012 में हुई थी 19 लोगों की मौत  
साल 2012 में सीता एयर फ्लाइट क्रैश हुई थी ज‍िसमें 19 लोगों की मौत हुई थी. यह हादसा स‍ितंबर 2012 में हुआ था. 

2011 में 19 यात्र‍ियों की हुई थी मौत 
साल 2011 में बुद्ध एयर फ्लाइट विमान हादसे में सभी 19 यात्री हादसे का शिकार हो गए थे. यह फ्लाइट नेपाल के लल‍ितपुर के पास क्रैश हुई थी.

2010 में 14 की चली गई थी जान
साल 2010 में अग्नि एयर फ्लाइट 101 के विमान का संपर्क टूट गया था. यह विमान काठमांडू से उड़ा था. उड़ान भरने के 22 मिनट बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें सवार सभी 14 लोगों की मौत हो गई थी.

दुर्घटना होने की प्रमुख वजह
1. नेपाल की खतरनाक भौगोलिक स्थिति पायलटों के सामने बड़ी चुनौती होती है. नेपाल का एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट समुद्र तल से 1,338 मीटर ऊपर एक संकरी घाटी में है. इसकी वजह से विमानों को मुड़ने के लिए काफी तंग जगह मिलती है.

2. लुक्ला शहर का एयरपोर्ट दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में से एक है. एयरपोर्ट के रनवे को पहाड़ों के बीच एक चट्टान को काटकर बनाया गया है. लुक्ला हवाई अड्डे के रनवे के एक छोर पर विशालकाय पहाड़ तो दूसरे छोर पर खाई है. ऐसे में सिर्फ अल्ट्रा ट्रेंड पायलटों को ही इस हवाई अड्डे पर विमान उतारने और उड़ान भरने की इजाजत है. एक छोटी सी भूल से यात्रियों की जान जा सकती है.

3. पहाड़ों में मौसम तेजी से बदलता है, जो विमानों की उड़ान को काफी खतरनाक बनाता है. पल-पल बदलते मौसम के कारण पायलटों को विमान को नेविगेट करना मुश्किल हो जाता है.  

4. बर्फबारी से रनवे काफी खतरनाक हो जाता है. इन परिस्थितियों में पायलटों से होने वाली थोड़ी चूक भी इसे जानलेवा बना सकती है.

5. विमान क्रैश होने की दूसरी वजहों में बेहतर रडार तकनीक की कमी होना भी है. पुराने विमानों में मॉडर्न वेदर रडार नहीं होते हैं.इस वजह से पायलट को रियल टाइम में मौसम की जानकारी नहीं मिल पाती है.

6. नेपाल के खराब एविएशन रिकॉर्ड की वजह से यूरोपीय कमीशन ने नेपाली एयरलाइंस पर 28 देशों के ब्लॉक में उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा रखा है.

 

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