राजा रघुवंशी हत्याकांड के मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड सोनम रघुवंशी 9 जून को गाजीपुर के नंदगंज में स्थित ढाबे पर मिली. सोनम ढाबे पर कैसे मिली? शुरुआत में बनी पहली अब सुलझ गई है. लेकिन अब सोनम के 2 और मददगार का सामने आना बाकी है. जिनकी मदद से सोनम वाराणसी और वाराणसी से गाजीपुर के टी स्टॉल पर पहुंची. फिलहाल इस मामले की जांच शिलांग पुलिस कर रही है. शिलांग पुलिस ने सोनम के इन दोनों ही मददगारों के बारे में जानकारी गाजीपुर या वाराणसी पुलिस से शेयर नहीं की है.
सोनम के 2 मददगार कौन थे?
9 जून की सुबह गाजीपुर के नंदगंज इलाके में स्थित काशी की स्टाल पर पहुंची. सोनम रघुवंशी समेत राजा रघुवंशी की हत्या में शामिल सभी पांच किरदार शिलांग पुलिस के गिरफ्त में हैं. लेकिन अभी हत्याकांड में दो और संदिग्धों की तलाश तेज हो गई है. यह दो संदिग्ध सोनम के वो मददगार हैं, जिनके साथ वह वाराणसी रेलवे स्टेशन और फिर कैंट बस स्टेशन पर देखी गई. जिनके साथ सोनम गोरखपुर जाने वाली बस में सवार भी हुई.
सोनम ने की बदहवास होने की एक्टिंग-
दरअसल सोनम रघुवंशी ने काशी टी स्टॉल पहुंचकर पीड़ित और बदहवास होने की एक्टिंग की, लेकिन हत्याकांड के सभी किरदार पकड़ में आए, साजिश की परतें खुली तो सवाल उठने लगे कि आखिर सोनम इंदौर से गाजीपुर कैसे पहुंची? किसकी मदद से पहुंची? क्योंकि काशी टी स्टॉल के मालिक साहिल यादव ने भी बताया कि लड़की के कपड़े और उसके चेहरे को देखकर नहीं लग रहा कि वह कई दिनों से बदहवास है या कहीं दूर से पैदल चलकर आ रही है, पास में ही किसी गाड़ी से उतरी और दुकान पर आ गई.
चश्मदीद ने क्या बताया?
अब अगर सोनम किसी के साथ आई, तो वह कौन थे और कैसे काशी टी स्टॉल पहुंचे? इन सवालों के उधेड़बुन के बीच गाजीपुर के सैदपुर इलाके की रहने वाली उजाला यादव सामने आई. जिसने दावा किया कि 8 जून की रात सोनम और वह एक साथ गोरखपुर जाने वाली बस में सफर कर रहे थे. 8 जून की रात 10 बजे उजाला यादव जब वाराणसी रेलवे स्टेशन पर उतरी तो थोड़ी देर में ही सोनम मुंह ढके हुए उन्हीं कपड़ों में उसके पास आई और पास के बस स्टेशन का रास्ता पूछने लगी. उजाला यादव का कहना है कि सोनम के साथ दो और लड़के थे, एक लड़का सफेद शर्ट पहने चेहरे को ढके था, दूसरा लड़का भी अपने चेहरे को छिपा रहा था. उजाला को भी गाजीपुर के सैदपुर अपने घर जाना था, वह भी बस स्टेशन पहुंची. 10 मिनट बाद गाजीपुर से गोरखपुर जाने वाली बस सोनम भी सवार हो गई. उजाला का कहना है कि सोनम के साथ आए दोनों लड़के बस स्टेशन तक साथ में थे, बस में सफर नहीं कर रहे थे, यानी सोनम के दोनों मददगार वाराणसी से गायब हो गए.
सोनम ने लिया था गोरखपुर का टिकट-
सोनम रातभर में सफर कर गोरखपुर पहुंचाना चाहती थी, उसके पास पैसे थे, जिससे उसने वाराणसी से गोरखपुर तक का टिकट भी कटवाया. रास्ते में उजाला राजा रघुवंशी हत्याकांड से जुड़ी सोशल मीडिया पर वीडियो देख रही थी तो सोनम ने उसे मना भी किया कि फालतू चीज मत देखा करो. घरवालों से बात करने के लिए सोनम ने उजाला का फोन मांगा, नंबर टाइप किया, लेकिन डॉयल नहीं किया. उसने उजाला के फोन से वह नंबर भी डिलीट कर दिया. सोनम रास्ते भर पहचान छिपाने की एहतियात बरत रही थी.
फिलहाल मेघालय पुलिस की रिमांड में सोनम से पूछताछ की जा रही है. सोनम के वो मददगार कौन थे? इंदौर से साथ आए थे या राज कुशवाहा के कहने पर वाराणसी में मदद के लिए पहुंचे थे. यह सब शिलांग पुलिस अभी पूछताछ कर रही है.
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