कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता… जरा तबियत से पत्थर तो उछाल कर देखो... इसका मतलब है कि अगर जज्बा हो तो किसी भी मुश्किल मंजिल का पाया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर रही हैं 82 साल की पोएट एंड पेंटर यास्मीन. 82 साल की उम्र में भी यास्मीन वो जज्बा रखती हैं... जो किसी-किसी में ही देखने को मिलता है.
यास्मीन साहनी नाम की बुजुर्ग महिला को आंखों से भी बेहद कम दिखता है. उन्हें आंख से केवल 2 फीसदी ही दिखाई देता है. लेकिन इन सबके बावजूद भी वे ऐसी पेंटिंग बनाती हैं, जो मंत्रमुग्ध कर देती है. यही नहीं यास्मीन उन महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं जो जिंदगी में अकेली पड़ गई हैं.
आंखों की रोशनी कम फिर भी पेंटिंग बनाती हैं
अब सवाल ये है कि महज 2 फीसदी की दृष्टी रखनेवाली यासमीन पेंटिंग करती कैसे हैं? दरअसल, यास्मीन केवल एक पेंटर ही नहीं हैं बल्कि वे कवि भी हैं. उनकी पेंटिंग की खासियत ये है कि वो अपनी हर पेंटिग के साथ एक कविता भी लिखती हैं.
इतना ही नहीं, 82 साल की उम्र में भी यास्मीन अपने सारे काम खुद करती हैं. वे पेंटिंग्स के साथ साथ गिटार भी बजाती हैं और गाना भी गाती हैं. यानी कुल मिलाकर कहें तो वो बहुमुखी प्रतिभा की धनी भी हैं.
पति रह चुके एयरफोर्स में विंग कमांडर
यास्मीन साहनी ने अपनी जिंदगी में काफी दुख देखे हैं. उनके पति एयरफोर्स में विंग कमांडर रह चुके हैं, जबकि बेटा नेवी में था. लेकिन आज वे अकेली हैं. हालांकि फिर भी उनकी हिम्मत कम नहीं हुई है. अब तक उनकी पेंटिंग्स के 6 एक्जीबिशन लग चुके हैं. इसी कड़ी में अब उन्होंने मुंबई का रूख किया है और 18 जनवरी को उनका 7वां एक्जीबिशन लगनेवाला हैं.
(धर्मेन्द्र दूबे की रिपोर्ट)