15 साल का लड़का कर्नाटक से अकेला पहुंच गया अलवर, बनना चाहता था गेमिंग यूट्यूबर

अलवर बस स्टैंड पहुंचने के बाद उसने अपने पिता को फोन कर बताया कि वो अलवर में है. यह सुनते ही परिजन सकते में आ गए और कर्नाटक में तुरंत बच्चे की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई. मिसिंग रिपोर्ट दर्ज होते ही कर्नाटक पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की.

Alwar News
gnttv.com
  • अलवर,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST
  • खुद फोन कर बताई अपनी लोकेशन
  • बनना चाहता था गेमिंग यूट्यूबर

सोशल मीडिया और यूट्यूब की दुनिया में नाम कमाने की चाह ने एक 15 वर्षीय बालक को 1700 किमी दूर कर्नाटक से अलवर तक पहुंचा दिया. गेमिंग यूट्यूबर बनने का सपना संजोए दसवीं कक्षा का छात्र अश्विक घर से बिना बताए निकल गया और अलवर जिले के बानसूर में एक यूट्यूबर से मिलने पहुंच गया. हालांकि, समय रहते पुलिस और परिजनों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया और बच्चा सकुशल अपने परिवार के पास पहुच गया.

कर्नाटक से अलवर पहुंच गया 15 साल का लड़का
युवा हो या बच्चे सभी पर यूट्यूब का बुखार चढ़ने लगा है. सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने लाइक और व्यू के चक्कर में युवा नए-नए हथकंडे अपनाते हैं व अपनी जान जोखिम में डालते हैं. अब समय के साथ यूट्यूबर की फैंस फॉलोइंग भी बढ़ने लगी है. लोग इन से मिलने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते हैं, तो अलवर में एक 15 वर्षीय बालक का अजीबोगरीब कारनामा नजर आया. कर्नाटक से एक 15 वर्षीय बालक बिना परिवार को बताएं अलवर के एक गेमिंग यूट्यूबर से मिलने के लिए अकेला घर से निकल गया और 1700 किलोमीटर का सफर तय करके अलवर पहुंचा.

खुद फोन कर बताई अपनी लोकेशन
अलवर बस स्टैंड पहुंचने के बाद उसने अपने पिता को फोन कर बताया कि वो अलवर में है. यह सुनते ही परिजन सकते में आ गए और कर्नाटक में तुरंत बच्चे की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई. मिसिंग रिपोर्ट दर्ज होते ही कर्नाटक पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की. तकनीकी और सूचना के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि बच्चा राजस्थान के अलवर में मौजूद है. इसके बाद कर्नाटक पुलिस की टीम अलवर पहुंची और सदर थाना पुलिस से संपर्क किया. इस पूरे अभियान में सदर थाना प्रभारी अजीत बड़सरा और उनकी टीम ने तत्परता दिखाते हुए कर्नाटक पुलिस को पूरा सहयोग दिया.

माता-पिता से मिलकर खुश हुआ नाबालिग
कर्नाटक पुलिस अधिकारी प्रकाश ने बताया कि हमारे पास नाबालिग के लापता होने की रिपोर्ट आई थी. जांच के दौरान पता चला कि बच्चा अलवर में है. अलवर सदर थाना पुलिस ने बेहद सकारात्मक और प्रोफेशनल सहयोग दिया. जिसकी बदौलत आज बच्चे को सुरक्षित उसके पिता से मिलवा दिया गया. उन्होंने अलवर पुलिस की कार्यशैली की खुलकर सराहना की. सदर थाने में जब अश्विक अपने पिता से मिला तो माहौल भावुक हो गया. पिता ने राहत की सांस ली और पुलिस का आभार जताया. बच्चे को समझाइश की गई.

परिजनों ने अन्य माता-पिता और बच्चों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया से प्रभावित होकर कोई भी बच्चा घर छोड़कर बाहर नहीं जाए. बच्चों को सही मार्गदर्शन देना और उनके ऑनलाइन व्यवहार पर नजर रखना प्रत्येक माता-पिता को जरूरी है.

-हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट

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