दिल्ली में पहाड़ों जैसा सुकून चाहिए तो ये जगह है आपके लिए एकदम परफेक्ट

दिल्ली के शोर-शराबे और भागदौड़ से दूर समयपुर बादली में एक मां-बेटे ने मिलकर ऐसी जगह तैयार की है जो सुकून और शांति का अहसास कराती है. इस वेलनेस सेंटर का नाम है ‘अर्थ इलेवन’, जिसे आशीष और उनकी मां नीलम ने मिलकर बनाया है.

Earth Eleven Delhi
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली ,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

दिल्ली के शोर-शराबे और भागदौड़ से दूर समयपुर बादली में एक मां-बेटे ने मिलकर ऐसी जगह तैयार की है जो सुकून और शांति का अहसास कराती है. इस वेलनेस सेंटर का नाम है ‘अर्थ इलेवन’, जिसे आशीष और उनकी मां नीलम ने मिलकर बनाया है.

दिल्ली वालों को जब प्रकृति के करीब जाने का मन करता है तो वो उत्तराखंड या हिमाचल की तरफ भागते हैं लेकिन ये जगह दिल्ली में ही आपको प्रकृति के बेहद करीब लाकर खड़ा कर देती है.

दिल्ली में पहाड़ों जैसा सुकून
यहां चारों तरफ हरियाली है. फर्श और दीवारों को मिट्टी और गोबर के लेप से तैयार किया गया है. परिवार को एक साथ जोड़ने के लिए यहां परिवारों की काउंसलिंग की जाती है. कोई बीमारी होने पर नैचुरोपैथी से इलाज किया जाता है.फल सब्जियां सब यही उगाई जाती है. लोग अपने हाथ से तोड़कर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.

आशीष कहते हैं कि इसके जरिए वो बुजुर्गों की उम्र बढ़ाना चाहते हैं वो चाहते हैं कि घर के दादा दादी अपने पोता पोती से सबसे ज़्यादा जुड़ पाएं ताकि कल्चरल नॉलेज एक पीढ़ी से तीसरी पीढ़ी तक पहुंच पाएं. यहां बनी बांस की झोपड़ियों के नाम दादा-दादी के नाम पर रखे गए हैं. इन झोपड़ियों में रहने वाले परिवार न केवल प्रकृति से जुड़ते हैं, बल्कि रिश्तों को भी नए सिरे से समझते हैं.

मेंटनेंस इंजीनियर की नौकरी छोड़ शुरू किया वेलनेस सेंटर
35 साल के आशीष पेशे से एयर क्राफ्ट मेंटनेंस इंजीनियर थे लेकिन नौकरी छोड़कर उन्होंने नेचर और अध्यात्म की खोज में समय बिताना ज़्यादा मुनासिब समझा. आशीष पूरे देश की पैदल यात्रा कर चुके हैं. यहां कई ऐसे परिवार या कपल आते हैं जिनके बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है इस सेंटर पर उनके लिए योग, साधना,मेडिटेशन, यज्ञ से लेकर काउंसलिंग की व्यवस्था होती हैं.

लोगों का मन शांत करने के लिए यहां पर सात्विक भोजन दिया जाता है जिसकी सब्जियां यहीं पर उगाई जाती हैं. लोग अपने हाथ से सब्ज़ी तोड़कर बनवा सकते हैं. बिना लहसुन प्याज का खाना यहां तैयार किया जाता है. मिट्टी और गोबर के लेप से तैयार की गई फर्श तापमान को संतुलित रखती है.

असली लवबर्ड के जरिए कपल की समस्या सुलझाने की कोशिश
यहां पर ऑस्ट्रेलिया से लाई गई लव बर्ड भी हैं. कहते हैं इन लव बर्ड के बीच बॉंडिंग बहुत जबरदस्त होती है.. आशीष बताते हैं कि जब भी कोई ऐसा कपल आता है जिनके बीच सब कुछ ठीक नहीं होता हम उन्हें यहां बैठाकर सिर्फ इन लव बर्ड को ऑब्जर्व करने के लिए कहते हैं. ये एक्सरसाइज कई लोगों के काम आई है. कहने को कोई कह सकता है कि यह सेंटर कमर्शियल यूज के लिए तैयार किया गया है लेकिन असल में इस सेंटर के जरिए लोग अपने बनते बिगड़ते रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. अपनी परंपरा अपनी संस्कृति और अध्यात्म के करीब पहुंचने की कोशिश करते हैं.

 

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