इस बच्चे की ज़िंदगी में जैक्लीन साबित हुई हीरो.. आर्थिक तंगी से परेशान मां-बाप की परेशानी को कर रहीं दूर, जानें क्या है मामला

एक तरह की बीमारी से जूझ रहे बच्चे के इलाज का जिम्मा जैक्लीन ने उठाया है. बच्चे के मां-बाप आर्थिक रूप से कमजोर हैं और वह इलाज नहीं करवा पा रहे थे.

Jacqueline Fernandez visits child with rare condition, pledges support
gnttv.com
  • ठाणे,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

एक मासूम बच्चा, जिसका सिर 10 से 12 किलो तक भारी हो चुका है और जो हाइड्रोसिफ़लस (Hydrocephalus) नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, अब नई उम्मीद की किरण देख रहा है. इस बच्चे का नाम मोहम्मद मेहबूब शेख है, जिसकी उम्र महज़ 11 महीने है.

मेहबूब के पिता, नासिर शेख, मजदूरी कर अपने पांच बच्चों और पूरे परिवार का पालन-पोषण करते हैं. जब उनकी पत्नी गर्भवती थीं, तभी डॉक्टरों ने सातवें महीने में चेतावनी दी थी कि बच्चा एब्नार्मल हो सकता है. लेकिन मां ने अपनी ममता का फर्ज निभाते हुए बच्चे को जन्म दिया. जन्म के समय ही बच्चे का सिर लगभग 5 किलो का था और जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ी, सिर और बड़ा होता गया. आर्थिक तंगी के कारण नासिर शेख इस बीमारी का इलाज कराने में असमर्थ थे, क्योंकि खर्च 15–20 लाख रुपये तक का आ रहा था.

गरीबों के मसीहा हुसैन मंसूरी बने सहारा
मुंबई में गरीबों के लिए मसीहा कहे जाने वाले सोशल वर्कर हुसैन मंसूरी से नासिर की मुलाकात तब हुई जब वे अपने बच्चे को लेकर दरगाह पर पहुंचे थे. मंसूरी ने मासूम को गोद में उठाकर उसकी कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की. वीडियो वायरल होते ही हजारों लोग मदद के लिए आगे आए, लेकिन इलाज का पूरा खर्च अब भी मुश्किल था.

जैकलीन फर्नांडीज़ ने बढ़ाया मदद का हाथ
यह वीडियो बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज़ तक पहुंचा. उन्होंने तुरंत हुसैन मंसूरी से संपर्क किया और बच्चे के माता-पिता को अपने घर बुलाया. उन्होंने बच्चे को न सिर्फ दुलार और प्यार दिया, बल्कि उसके पूरे इलाज का जिम्मा भी उठाया.

जैकलीन फर्नांडीज़ ने वादा किया कि बच्चा मुंबई के बांद्रा स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में बेहतरीन इलाज पाएगा. फिलहाल मेहबूब का इलाज शुरू हो चुका है और जैकलीन खुद अस्पताल में जाकर बच्चे से मिलीं और उसके साथ खेलती भी नजर आईं.

परिवार में लौटी खुशी
एक्ट्रेस के इस कदम से नासिर शेख और उनकी पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मां की आंखों में अब यह उम्मीद जग गई है कि उनका बेटा भी जल्द ही ठीक होकर अन्य बच्चों की तरह खेल-कूद सकेगा.

असली हीरो
जहां एक ओर जैकलीन फर्नांडीज़ ने इंसानियत का परिचय दिया है, वहीं दूसरी ओर हुसैन मंसूरी की मेहनत और जज्बे ने इस बच्चे की जिंदगी बदल दी. वे सही मायनों में गरीबों के मसीहा साबित हो रहे हैं। यह कहानी याद दिलाती है कि इंसानियत अभी जिंदा है. एक ओर समाजसेवी और दूसरी ओर फिल्मी सितारे जब ऐसे नेक कामों में साथ आते हैं, तो किसी की जिंदगी में चमत्कार हो जाता है.

-विक्रांत चौहान की रिपोर्ट

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